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12 वीं की बोर्ड परीक्षा पर मनीष सिसोदिया ने कहा पहले सभी बच्चों का हो टीकाकरण फिर कराई जाएं परीक्षाएं

12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से राज्यों के साथ की गई बैठक में दिल्ली सरकार ने परीक्षा नहीं कराने की मांग करते हुए कहा कि 12वीं छात्रों को भी 10वीं के छात्रों की तरह पहले की परीक्षाओं के आधार पर उत्तीर्ण कया जाए।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Mon, 24 May 2021 12:03 PM (IST)Updated: Mon, 24 May 2021 12:03 PM (IST)
12 वीं की बोर्ड परीक्षा पर मनीष सिसोदिया ने कहा पहले सभी बच्चों का हो टीकाकरण फिर कराई जाएं परीक्षाएं
सिसोदिया ने कहा, बेहद जरूरी है परीक्षा तो पहले सबका टीकाकरण कराया जाए।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से राज्यों के साथ की गई बैठक में दिल्ली सरकार ने परीक्षा नहीं कराने की मांग करते हुए कहा कि 12वीं छात्रों को भी 10वीं के छात्रों की तरह पहले की परीक्षाओं के आधार पर उत्तीर्ण कया जाए। दिल्ली सरकार ने कहा है कि अगर परीक्षा लेना बहुत जरूरी है कि तो केंद्र पहले पहले बच्चों को वैक्सीन लगवाए। दिल्ली सरकार की ओर से इस बैठक में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भाग लिया। बैठक के बाद प्रेस वार्ता कर उन्होंने कहा कि इस समय भी रोजाना देश में ढाई लाख मामले सामने आ रहे हैं। तीसरी लहर का खतरा बना हुआ है।

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ऐसे में परीक्षा नहीं करानी चाहिए। पुराने नंबरों के आधार पर छात्र को नंबर दिए जाएं और पास किया जाए। अगर कोई बच्चा चाहता है कि उसके कम नंबर कम दिए जा रहे हैं तो वह छात्र पेपर भी दे सकता है। जैसे हमने 10वी छात्रों के लिए व्यवस्था रखी है, उसी तरह इन बच्चों के लिए भी की जाए। अगर परीक्षा करानी है तो पहले सबको टीका लगे सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार परीक्षा कराना बहुत जरूरी समझाती है तो परीक्षा से पहले सबको वैक्सीन लगनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि 1.5 करोड़ के करीब छात्र हैं और जो भी शिक्षक प्रधानाचार्य आदि स्टाफ ड्यूटी देगा, केंद्र सरकार सुनिश्चित करे कि सभी को वैक्सीन लगे। इसके अलावा जो छात्र 18 साल के नही हुए हैं उनके लिए भी वैक्सीन का इंतजाम होना चाहिए।

दिल्ली ने दिए दो सुझाव

उन्होंने कहा कि बैठक में केंद्र सरकार को दिल्ली सरकार ने दो सुझाव दिए। पहला प्रस्ताव था कि 12वीं कक्षा के बच्चों के कुछ चुने हुए विषय की ही परीक्षा कराई जाए। दूसरा प्रस्ताव था कि परीक्षा ली जाए, लेकिन उसका पैटर्न थोड़ा बदला जाए। तीन की जगह डेढ़ घंटे ही परीक्षा हो और पेपर स्कूल में चेक हो।


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