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जेईई की मुख्य परीक्षा में धांधली के आरोपित पांच दिन के रिमांड पर

परीक्षा में धांधली के लिए एफिनिटी एजुकेशन के निदेशकों ने सोनीपत के परीक्षा केंद्र में कुछ कर्मचारियों से साठगांठ कर ली थी। छात्रों को इसी परीक्षा केंद्र को चुनने के लिए कहा जाता था। इसके आधार पर सीबीआइ ने छापेमारी कर कुछ दस्तावेज व कंप्यूटर आदि की जांच की थी

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 07 Sep 2021 08:34 PM (IST)Updated: Tue, 07 Sep 2021 08:34 PM (IST)
जेईई की मुख्य परीक्षा में धांधली के आरोपित पांच दिन के रिमांड पर
चाराें आरोपितों को सीबीआइ ने पांच दिन के रिमांड पर लिया है।

सोनीपत [संजय निधि]। जेईई की मुख्य परीक्षा में धांधली के आरोप में गिरफ्तार सोनीपत के निजी इंजीनियरिंग कालेज के चाराें आरोपितों को सीबीआइ ने पांच दिन के रिमांड पर लिया है। परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर सीबीआइ उनसे पूछताछ कर रही है, ताकि पूरे मामले की तह में पहुंचा जा सके। इस मामले में नोएडा के एफिनिटी एजुकेशन के निदेशक व अन्य पहले से सीबीआइ की कस्टडी में हैं।

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जेईई की मुख्य परीक्षा में बड़े पैमाने पर हुई धांधली

ज्ञात हो कि हाल ही में हुए जेईई की मुख्य परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली व अनियमितता बरतने की शिकायत पर सीबीआइ ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी। तीन सितंबर को सीबीआइ में इस मामले में दिल्ली-एनसीआर सहित देशभर में 19 स्थानों पर छापेमारी की थी और नोएडा के एफिनिटी के निदेशक सहित सात आरोपितों को गिरफ्तार किया था। इसी मामले में एक दिन पूर्व सोनीपत के एक निजी इंजीनियरिंग कालेज के चार आरोपितों को भी गिरफ्तार कर सीबीआइ अपने साथ ले गई थी।

कई राज्यों में एजेंट के फैले होने का अंदेशा

सीबीआइ के अनुसार परीक्षा में धांधली करने वाला यह गिरोह शीर्ष संस्थानों में नामांकन के लिए 12 से 15 लाख रुपये लेता था। इनके एजेंट कई राज्यों में फैले थे। ये एजेंट जेईई मेन में कम रैंकिंग वाले छात्रों से संपर्क कर उन्हें बेहतर रैंकिंग और शीर्ष एनआइटी संस्थान में नामांकन का भरोसा दिलाते थे।

छापेमारी में दस्तावेजों एवं कंप्यूटर की हुई जांच

परीक्षा में धांधली के लिए एफिनिटी एजुकेशन के निदेशकों ने सोनीपत के परीक्षा केंद्र में कुछ कर्मचारियों से साठगांठ कर ली थी। छात्रों को इसी परीक्षा केंद्र को चुनने के लिए कहा जाता था। इसके आधार पर सीबीआइ ने पहले यहां छापेमारी कर कुछ दस्तावेज व कंप्यूटर आदि की जांच की थी और सोमवार को कालेज के एक सहायक प्रोफेसर संदीप गुप्ता, दो लैब तकनीशियन कुलदीप गर्ग व अरविंद सैनी व एक चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी तुलसी राम को गिरफ्तार किया था। चारों को मंगलवार को सीबीआइ की अदालत में पेश किया गया, जहां से इन्हें पांच दिन के लिए सीबीआइ की रिमांड पर भेजा गया है। सीबीआइ के अधिकारी सभी से पूछताछ कर रहे हैं।


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