दीपावली से पहले पटाखों पर शुरू हुआ ऑफर, प्रतिबंध के डर से अभी से खरीद रहे लोग
पिछले वर्ष 400 से अधिक अस्थायी लाइसेंस जारी किए गए थे, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दीपावली के ऐन पहले निरस्त कर दिया गया था। स्थाई दुकानों पर भी बिक्री प्रतिबंधित कर दी गई थी।
नई दिल्ली, जेएनएन। दीपावली से पहले ई-कॉमर्स कंपनियां ही नहीं, बल्कि पटाखा विक्रेताओं ने भी ऑफर की शुरूआत कर दी है। वहीं दीपावली से पहले सस्ते पटाखों की खरीदारी के लिए दिल्ली के पटाखा बाजारों में लोगों की खूब भीड़ भी उमड़ रही है। पटाखा बाजारों में उमड़ने वाली भीड़ की वजह केवल ऑफर ही नहीं हैं। बल्कि दीपावली पर दिल्ली में पटाखों की बिक्री पर पिछले वर्ष की तरह लगने वाले प्रतिबंध का डर भी है।
प्रतिबंध के डर से दीपावली को लेकर पटाखों की खरीदारी अभी से शुरू हो गई है। जामा मस्जिद स्थित स्थाई पटाखा बाजार में चहल-पहल बढ़ गई है। दुकानदार भी पटाखों को जल्दी बेच देने के लिए ग्राहकों को आकर्षक उपहार दे रहे हैं।
जामा मस्जिद स्थित पटाखा बाजार में वह दुकानें लगी हैं, जिन्हें स्थायी लाइसेंस मिला हुआ है। दीपावली को लेकर जारी होने वाले अस्थायी लाइसेंस पर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं है। मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
फायर वर्क्सा एंड जनरल ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रधान नरेंद्र गुप्ता के मुताबिक, अस्थायी लाइसेंस की प्रक्रिया दो माह पहले से शुरू हो जाती है। अब दीपावली को एक माह का भी वक्त नहीं बचा है। बावजूद, अब तक पुलिस व अग्निशमन विभाग द्वारा कोई आवेदन नहीं मंगाया गया है। इसकी वजह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित होना है। जब तक कोई फैसला नहीं आ जाता तब तक इसे लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता।
पिछले वर्ष 400 से अधिक अस्थायी लाइसेंस जारी किए गए थे, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दीपावली के ऐन पहले निरस्त कर दिया गया था। दीपावली के बाद स्थायी दुकानों के लाइसेंस बहाल तो कर दिए गए हैं, लेकिन अभी तक अस्थायी लाइसेंस को लेकर कोई सुगबुगाहट शुरू नहीं हुई है। उनके मुताबिक पिछले वर्ष ऐन मौके पर प्रतिबंध लगाए जाने के कारण हजारों करोड़ रुपये के पटाखे गोदामों मे अब भी फंसे हैं।
दिल्ली में मौजूदा समय में पटाखों के करीब 200 स्थायी दुकानदार हैं। इन्हें भी पिछले साल पटाखा बेचने की अनुमति नहीं मिली थी। दिल्ली फायर वर्क्सथ ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव जैन के मुताबिक, दीपावली पर पटाखों के महत्व को देखते हुए इस पर से प्रतिबंध हटाना चाहिए।