दिल्ली में नर्सिंग होम संचालकों के लाइसेंस को मिलेगा एक साल का एक्सटेंशन
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया गया है कि ऐसा सिस्टम तैयार करें जिससे लाइसेंस को आटो एक्सटेंशन मिल जाए और संचालकों को परेशान होना न पड़े।
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। दिल्ली में नर्सिंग होम संचालकों को केजरीवाल सरकार ने बुधवार को बड़ी राहत दी। राज्य सरकार ने नर्सिंग होम संचालकों के लाइसेंस को एक साल का एक्सटेंशन मिलेगा। नर्सिंग होम एसोसिएशन की मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के साथ बैठक में ये निर्णय लिया गया। मिली जानकारी के अनुसार, 31 मार्च 2020 को खत्म लाइसेंस को 31 मार्च 2021 तक एक्सटेंशन मिलेगा।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया गया है कि ऐसा सिस्टम तैयार करें, जिससे लाइसेंस को आटो एक्सटेंशन मिल जाए और संचालकों को परेशान होना न पड़े। बताया जा रहा है कि नर्सिंग होम एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री के सामने अपनी समस्याएं रखी। इसके बाद लाइसेंस को एक्सटेंशन देने का फैसला किया गया।
सिरसपुर में अस्पताल के निर्माण कार्य ने पकड़ी गति
कोरोना काल से अब लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) भी उबरने की कोशिश कर रहा है। अनलॉक चार के साथ ही सिरसपुर अस्पताल के निर्माण कार्य को विभाग ने गति देना शुरू कर दिया है। वहीं लोकनायक में भी इसी माह काम शुरू कराने की योजना है। सिरसपुर में 1164 बेड का अस्पताल बनाया जा रहा है, जबकि लोकनायक अस्पताल में 22 मंजिला इमारत का निर्माण कराया जाएगा।
विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली सरकार ने कई परियोजनाओं के निर्माण कार्य की आधारशिला रखी थी, लेकिन चुनाव की वजह से काम शुरू नहीं हो सका था। इसके बाद लॉकडाउन हो गया। ऐसे में अब रुकी हुई योजनाओं को पूरा कराने के लिए पीडब्ल्यूडी तेजी से काम करा रहा है। इसी के तहत सिरसपुर में बनाए जा रहे 11 मंजिला मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल के निर्माण कार्य को गति दी जा रही है। इस अस्पताल का निर्माण कार्य 10 अगस्त को शुरू हुआ था। 20 एकड़ भूमि पर बनने वाला यह अस्पताल पूरी तरह से वातानुकूलित होगा। इसे 33 महीने में तैयार करने का लक्ष्य है और इसे बनाने में 487 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मुख्यमंत्री केजरीवाल के निर्देश पर अस्पताल के काम में तेजी लाई गई है। इसमें दूसरे चरण में 1500 बेड की और व्यवस्था की जाएगी।
वहीं, लोकनायक में बनने वाली 22 मंजिला इमारत का काम इसी माह शुरू होगा। इसका कार्य चार साल में पूरा किया जाएगा। इसके लिए निर्माण कंपनी को टेंडर दिया जा चुका है। यह दिल्ली के सरकारी अस्पतालों की सबसे ऊंची और भूकंपरोधी इमारत होगी। इस इमारत में कुल 1570 बेड की व्यवस्था होगी। इसमें अभी 2550 बिस्तर हैं।
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