नर्सरी एडमिशन, अब नेबरहुड के मानदंड़ों में फंसे अभिभावक, स्कूल भी दे रहे अलग-अलग अंक, जानिए और डिटेल
अभिभावकों के मुताबिक हर स्कूल में आवेदन करने से पहले उन्हें स्कूल के नियमों के आधार पर दूरी मापनी पड़ रही है। किसी में आवेदन से पहले स्कूल गूगल मैप देखना पड़ रहा है तो किसी में स्कूल की बस का रूट।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजधानी में नर्सरी, केजी और कक्षा एक में दाखिले के लिए आवेदन प्रक्रिया जारी है। इन स्कूलों में दाखिले की सीट पक्की करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण मानदंड नेबरहुड (घर से निकट) के होते हैं, लेकिन अब ज्यादातर अभिभावक नेबरहुड के फेर में फंसे हैं। अभिभावकों के मुताबिक नेबरहुड को लेकर हर स्कूल ने अलग-अलग मानदंड तय किए हैं। कोई आठ किलोमीटर तक की दूरी के 80 अंक दे रहा है तो कोई चार किलोमीटर की दूरी के 80 अंक दे रहा है। स्कूलों ने इस दूरी को मापने के लिए भी अलग-अलग नियम बनाए हैं।
अभिभावकों के मुताबिक हर स्कूल में आवेदन करने से पहले उन्हें स्कूल के नियमों के आधार पर दूरी मापनी पड़ रही है। किसी में आवेदन से पहले स्कूल गूगल मैप देखना पड़ रहा है तो किसी में स्कूल की बस का रूट। कुछ स्कूलों ने दूरी के लिए स्कूल के आसपास के विभिन्न स्थान के नाम भी शामिल किए हैं और उसके आधार पर दूरी माप रहे हैं। इसमें जो स्थान स्कूल के बिल्कुल नजदीक होता है उसको सबसे अधिक अंक और जो सबसे दूर होता उसको सबसे कम अंक तय किए गए हैं।
अभिभावक सीमा शर्मा ने बताया कि रोहिणी के आसपास के इलाकों में बच्चे का नर्सरी में दाखिला कराने के लिए दो दिन से स्कूलों की सूची तैयार कर रही हैं, लेकिन जिस स्कूल में आवेदन करना चाहती हैं वहां पर उनके घर से स्कूल की सड़क की दूरी और गूगल मैप से दूरी अलग हो जाती है। ऐसे में उन्हें आवेदन करने में समस्या आ रही है।