Delhi Power Crisis: दिल्ली में एनटीपीसी ने आधी की बिजली की आपूर्ति, मंत्री सत्येंद्र जैन ने किया दावा
Electricity Crisis in Delhi दिल्ली के बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन ने दावा किया है कि एनटीपीसी ने दिल्ली की बिजली आपूर्ति आधी कर दी है। उन्होंने दावा किया कि अधिकांश एनटीपीसी के संयंत्र 55 प्रतिशत क्षमता पर चल रहे हैं।
नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम लिमिटेड (एनटीपीसी) दिल्ली को समझौते के अनुरूप बिजली नहीं दे रही है। इस समय मांग कम होने के बावजूद दिल्ली को महंगी बिजली खरीदनी पड़ रही है। वह प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दिल्ली को एनटीपीसी से दिल्ली को लगभग चार हजार मेगावाट बिजली मिलती थी लेकिन, इस समय इससे आधी भी नहीं मिल रही है। यह चिंता की बात है। इस समय पूरे देश में बिजली का संकट है।
उन्होंने कहा कि किसी भी बिजली संयंत्र में कम से कम 15 दिनों का कोयला भंडार नहीं होना चाहिए। इसके विपरीत अभी ज्यादातर संयंत्रों में दो-तीन दिनों का भंडार है। केंद्र सरकार को बताना चाहिए कि जब एनटीपीसी के सारे संयंत्र 50 से 55 फीसद क्षमता पर काम कर रहे हैं तो फिर कोयले की कमी कैसे उत्पन्न हो रही है? केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह द्वारा देश में बिजली संकट नहीं होने का दावा करने पर उन्होंने कहा कि यदि ऐसा है तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री को चिट्ठी क्यूं लिख रहे हैं? सच्चाई यह है कि बिजली संयंत्रों में कोयले की कमी बड़ी समस्या है इसे ध्यान में रखकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। केंद्र सरकार को इसे समस्या मानना चाहिए तभी इसका समाधान हो सकेगा।
उन्होंने कहा दिल्ली में इस समय बिजली की मांग कम होकर 46 सौ मेगावाट के करीब है। बावजूद हमें बिजली 17 से 20 रुपये प्रति यूनिट की दर पर खरीदनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि बिजली खरीद समझौते के तहत सबसे ज्यादा बिजली एनटीपीसी से मिलती है। समझौते के हिसाब से एनटीपीसी को साल में 85 फीसद समय पूरी बिजली देनी होती है। सिर्फ 15 फीसद समय यह कम होकर 55 फीसद हो सकती है, लेकिन यह कमी भी एक साथ सभी संयंत्रों से नहीं की जा सकती है।