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NSA डोभाल के बेटे के मानहानि केस में जयराम रमेश को समन करने पर फैसला सुरक्षित

विवेक ने 30 जनवरी को दर्ज में कहा था कि पत्रिका द्वारा लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद तथा झूठे हैं जिन्हें बाद में कांग्रेसी नेता रमेश ने भी एक प्रेस कांफ्रेंस में दोहराए थे।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 22 Feb 2019 12:09 PM (IST)Updated: Fri, 22 Feb 2019 12:09 PM (IST)
NSA डोभाल के बेटे के मानहानि केस में जयराम रमेश को समन करने पर फैसला सुरक्षित
NSA डोभाल के बेटे के मानहानि केस में जयराम रमेश को समन करने पर फैसला सुरक्षित

नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली की एक कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (National Security Agency) अजित डोभाल के बेटे विवेक डोभाल की ओर से दाखिल मानहानि की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस याचिका में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, द कारवां पत्रिका, उसके पत्रकार को तलब करना है अथवा नहीं? अब इस मामले में दिल्ली की कोर्ट ने अगली तारीख 2 मार्च तय की है।

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पिछली सुनवाई में एनएसए अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल द्वारा एक पत्रिका 'कारवां' तथा वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जयराम रमेश के खिलाफ दायर मानहानि केस में 11 फरवरी को दो गवाहों ने विवेक के समर्थन में कोर्ट में बयान दर्ज कराए थे।

विवेक डोभाल ने कारवां पत्रिका के खिलाफ दायर किया है केस

पत्रिका पर कथित अपमानजनक लेख प्रकाशित करने तथा रमेश पर उस आलेख का इस्तेमाल करने का आरोप है। 'कारवां' के खिलाफ दाखिल आपराधिक मानहानि केस में विवेक के दोस्त निखिल कपूर तथा बिजनेस पार्टनर अमित शर्मा ने उनके समर्थन में अपने बयान दर्ज कराए थे।

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने मामले की अगली सुनवाई 22 फरवरी को मुकर्रर की थी, लेकिन अब इस पर 2 मार्च को सुनवाई होगी। इसके पहले विवेक ने 30 जनवरी को दर्ज कराए अपने बयान में कहा था कि पत्रिका द्वारा लगाए गए सारे आरोप 'बेबुनियाद' तथा 'झूठे' हैं, जिन्हें बाद में कांग्रेसी नेता रमेश ने भी एक प्रेस कांफ्रेंस में दोहराए थे। इससे उनके पारिवारिक सदस्यों तथा कारोबारी सहयोगियों के बीच उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है।

अमित शर्मा ने अपने बयान में कहा है कि इस आलेख के प्रकाशन के बाद निवेशकों में भारी बेचैनी पैदा हुई। वे विवेक पर इस्तीफे के लिए जोर डाल रहे थे, क्योंकि उन्हें शक था कि पारिवारिक पृष्ठभूमि के चलते उन्हें 'लगातार निशाना' बनाया जाता रहेगा।

उन्होंने आलेख में लगाए गए इस आरोप को खारिज किया कि विवेक का कारोबार उनके ब़़डे भाई शौर्य डोभाल के कारोबार से जुड़ा है। शर्मा ने कहा कि यद्यपि विवेक के ब़़डे भाई शौर्य निवेश का कारोबार करते हैं लेकिन हमारी कंपनियों के बीच कोई वित्तीय हित नहीं है।

मालूम हो कि कारवां ने 16 जनवरी को 'द डी कंपनीज' शीर्षक से प्रकाशित ऑनलाइन आलेख में कहा था कि विवेक डोभाल 'केमन आइलैंड में हेज फंड' चलाते हैं, जो एक स्थापित टैक्स हैवन है और इसका पंजीयन नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा 2016 में घोषित नोटबंदी के महज 13 दिन बाद हुआ था।


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