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Delhi MCD Merger : अब 20 मई को आ सकता है तीनों निगमों को एक करने का आदेश

Delhi MCD Merger उत्तरी दिल्ली नगर निगम का कार्यकाल मंंगलवार को ही खत्म हो गया है जबकि बुधवार को दक्षिणी निगम का कार्यकाल खत्म हो जाएगा। इन दोनों के अलावा 21 मई को पूर्वी दिल्ली नगर निगम का कार्यकाल खत्म होगा।

By Jp YadavEdited By: Published: Wed, 18 May 2022 06:20 AM (IST)Updated: Wed, 18 May 2022 08:22 AM (IST)
Delhi MCD Merger : अब 20 मई को आ सकता है तीनों निगमों को एक करने का आदेश
Delhi MCD Merger : अब 20 मई को आ सकता है तीनों निगमों को एक करने का आदेश

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली के तीनों नगर निगमों (उत्तरी, पूर्वी और दक्षिणी) को एकीकृत करने वाला कानून बन जाने के बाद अब इसके लागू होने का इंतजार है। मंगलवार को उत्तरी दिल्ली नगर निगम का कार्यकाल खत्म हो गया है और बुधवार को दक्षिणी निगम का कार्यकाल खत्म हो जाएगा। इसके बाद 21 मई को पूर्वी निगम का कार्यकाल खत्म होना है। ऐसे में आदेश न आने की वजह से अब अधिकारियों और कर्मचारियों में अपने भविष्य को लेकर संशय बरकरार है।

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माना जा रहा है कि अब तीनों निगमों को एक करने का आदेश 20 मई तक आ सकता है। जब तक आदेश नहीं आ जाता तब तक महापौर और निगमायुक्त तो अपने पद पर बने रहेंगे। अप्रैल में तीनों नगर निगम के चुनाव होने थे, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नौ मार्च को दिल्ली राज्य चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा कि वह तीनों निगमों को एक करना चाहते हैं। इसके बाद मार्च माह में ही केंद्र सरकार ने लोकसभा और राज्य सभा से तीनों नगर निगमों को एक करने वाले विधयेक को मंजूरी दिलाई।

गौरतलब है कि पिछले महीने 18 अप्रैल को ही राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ ही यह विधेयक कानून बन गया। अब इसे लागू करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश का इंतजार है।बाक्स पार्षदों का नहीं है अधिकार निगम का कार्यकाल समाप्त होने के बाद पार्षदों की बात अधिकारियों ने सुननी बंद कर दी है। कई पार्षदों की शिकायत है कि इलाके के अधिकारी उनका फोन नहीं उठा रहे हैं,  जबकि प्रतिदिन उनके दफ्तर में लोग शिकायत लेकर आ रहे हैं। एक पार्षद ने कहा कि जब पार्षद थे तो अधिकारी कार्रवाई के डर से फोन उठाते थे, लेकिन अब अधिकारियों ने भी फोन उठाना कम या बंद ही कर दिया है।

यहां पर बता दें कि तीनों निगमों के एक होने के साथ ही निगम का तीन हजार करोड़ का सबसे बड़ा विवाद भी खत्म हो गया है। यह विवाद था सिविक सेंटर के मालिकाना हक से लेकर किराये का। तीन निगम बनाए जाने के कुछ वर्ष बाद से ही इस पर विवाद ने बड़ा रूप ले लिया था। अब यह थम जाएगा।


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