Move to Jagran APP

अब हरियाणा के सांसद केंद्र सरकार से करेंगे राष्ट्रीय स्तर पर खेल प्रोत्साहन नीति बनाने की मांग, जानिए क्या है हरियाणा की खेल नीति

टोक्यो ओलिंपिक में पदकों की उपलब्धि में हरियाणा के खिलाड़ी काफी आगे रहे हैं। 127 सदस्यीय भारतीय दल में सबसे ज्यादा 31 खिलाड़ी हरियाणा के थे जिन्होंने आठ प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। देश को मिले सात पदकों में व्यक्तिगत स्पर्धा में तीन पदक हरियाणा के खिलाडि़यों ने जीते।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Mon, 09 Aug 2021 01:20 PM (IST)Updated: Mon, 09 Aug 2021 01:20 PM (IST)
टोक्यो ओलिंपिक के पदक विजेताओं में ज्यादातर हरियाणा के ही खिलाड़ी थे।

नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। टोक्यो ओलिंपिक में पदकों की उपलब्धि में हरियाणा के खिलाड़ी काफी आगे रहे हैं। 127 सदस्यीय भारतीय दल में सबसे ज्यादा 31 खिलाड़ी हरियाणा के थे, जिन्होंने आठ प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। देश को मिले सात पदकों में व्यक्तिगत स्पर्धा में तीन पदक हरियाणा के खिलाडि़यों ने जीते।

loksabha election banner

एकमात्र स्वर्ण पदक भी इसी राज्य के नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक में जीता है। पुरुष हाकी टीम में दो खिलाड़ी सुरेंद्र सिंह और सुमित कुमार हैं तो महिला टीम की सात खिलाड़ी यहां से हैं। इस शानदार प्रदर्शन के पीछे खिलाडि़यों की मेहनत व समर्पण के साथ-साथ उन्हें प्रोत्साहित करने वाली हरियाणा की खेल नीति को अहम माना जा रहा है।

ओलिंपिक में यहां के खिलाडि़यों के शानदार प्रदर्शन के बाद राज्य की खेल प्रोत्साहन नीति चर्चा में है। खेल विशेषज्ञ भी मानते हैं कि यह नीति दूसरे राज्यों के लिए नजीर बनेगी। राज्य के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला मानते हैं कि इस उपलब्धि में राज्य की खेल प्रोत्साहन नीति एक बड़ा कारक है।

वह यहां तक कहते हैं कि खेलों को आगे बढ़ाने के लिए हरियाणा जैसी नीति केंद्रीय स्तर पर भी बननी चाहिए। हम केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के समक्ष भी यह प्रस्ताव रखेंगे। रोहतक से भाजपा सांसद अरविंद शर्मा कहते हैं कि हरियाणा की खेल प्रोत्साहन नीति खिलाडि़यों के लिए काफी सार्थक साबित हो रही है। हम चाहते हैं कि इस तरह की नीति केंद्रीय स्तर पर बने। संसद के मानसून सत्र में हम इस विषय को अवश्य उठाएंगे।

खेल में प्रदर्शन के आधार पर मिलती हैं सरकारी नौकरियां

हरियाणा में गत वर्ष खेल बजट में 202 फीसद की बढ़ोतरी की गई। ओलिंपिक, पैरा ओलिंपिक, यूथ ओलिंपिक, चार वर्ष में होने वाली व‌र्ल्ड चैंपियनशिप, एशियन गेम्स, पैरा एशियन, यूथ एशियन गेम्स, कामनवेल्थ गेम्स, कामनवेल्थ गेम्स (पैरा एथलीट) के पदक विजेताओं को नकद राशि के अलावा सरकारी नौकरी भी दी जाती है। खेल में उपलब्धि के आधार पर ग्रेड तय होता है। ए, बी, सी व डी ग्रेड के आधार पर खिलाड़ी विभिन्न ग्रुपों में नौकरी के योग्य होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.