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बार-बार क्यों आ रहे भूकंप, वजह जानने धरती की कोख में अल्ट्रासाउंड करने उतरेंगे वैज्ञानिक

इस पड़ताल के जरिए यह सुनिश्चित कर लेना जरूरी है कि धरती की कोख में सब कुछ सामान्य ही चल रहा है या नहीं।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 18 May 2020 06:29 PM (IST)Updated: Tue, 19 May 2020 07:22 AM (IST)
बार-बार क्यों आ रहे भूकंप, वजह जानने धरती की कोख में अल्ट्रासाउंड करने उतरेंगे वैज्ञानिक
बार-बार क्यों आ रहे भूकंप, वजह जानने धरती की कोख में अल्ट्रासाउंड करने उतरेंगे वैज्ञानिक

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]।  राजधानी दिल्ली में बार बार आ रहे भूकंप से दिल्ली निवासी ही नहीं, केंद्र सरकार भी चिंतित है। यही वजह है कि राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआइ) को इस दिशा में विशेष अध्ययन करने का निर्देश दिया गया है। अध्ययन के जरिए यह पता लगाने का प्रयास किया जाएगा कि कहीं धरती की कोख में इन दिनों कुछ असामान्य गतिविधियां तो नहीं चल रहीं।

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गौरतलब है कि पिछले लगभग एक माह में दिल्ली चार भूकंप देख चुकी है। अहम बात यह है कि हर बार भूकंप का अधिकेंद्र भी दिल्ली ही रही। हालांकि भूकंप की तीव्रता चारों बार कम थी। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) ने भी इन्हें सामान्य करार ही दिया है। लेकिन केंद्रीय भूविज्ञान मंत्रालय एनसीएस के इस जवाब से संतुष्ट होकर नहीं बैठ रहा है बल्कि इसके विपरीत जनता में कोई दहशत पैदा किए बगैर तमाम पहलुओं की पड़ताल करा रहा है।

जानकारी के मुताबिक भूविज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम राजीवन ने कोरोना लॉकडाउन के दौरान ही हैदराबाद स्थित एनजीआरआइ से संपर्क किया है। संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिकों से राजधानी में बार बार आ रहे इन भूकंपों के कारणों की पड़ताल करने को कहा गया है। दरअसल, मंत्रालय इस पड़ताल के जरिए यह सुनिश्चित कर लेना चाहता है कि धरती की कोख में सब कुछ सामान्य ही चल रहा है या नहीं।

बताया जाता है कि एनजीआरआइ के वैज्ञानिक इस अध्ययन के लिए इमेजिंग, मॉनीटरिंग और मॉडलिंग इत्यादि तकनीकों का सहारा लेंगे। दिल्ली और दिल्ली के आसपास विभिन्न जगहों पर उपकरण लगाकर धरती की कोख का अल्ट्रासाउंड किया जाएगा और फिर उसका विश्लेषण करके निष्कर्ष तैयार किया जाएगा। दिल्ली-एनसीआर में जमीन के नीचे दिल्ली-मुरादाबाद फाल्ट लाइन, मथुरा फाल्ट लाइन और सोहना फाल्ट लाइन का भी एक्सरे किया जाएगा।

डॉ. विनीत के. गहलोत (मुख्य वैज्ञानिक, एनजीआरआइ) के मुताबिक, मंत्रालय के स्तर पर अध्ययन करने को कहा गया है। इसके लिए टीम तैयार की जा रही है। लॉकडाउन के बाद इस पर काम शुरू होगा। हालांकि अध्ययन में वक्त लग जाता है, इसलिए निष्कर्ष के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा। 

बता दें कि 12 और 13 अप्रैल को दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। जहां 12 अप्रैल को आए भूकंप की तीव्रता 3.5 थी, जबकि 13 अप्रैल को आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.7 थी। 


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