Delhi Govt Online Services: दिल्ली में अब घर बैठे पाएं भ्रष्टाचार व दलाली मुक्त आरटीओ सेवाएं
अब लोगों को परिवहन विभाग के दफ्तर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के अलावा अन्य कई काम घर बैठे ही आनलाइन हो जाएंगे। वहीं इस व्यवस्था के तहत अब भ्रष्टाचार व दलालों से भी जनता को मुक्ति मिल जाएगी।
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने परिवहन विभाग की सेवाओं को फेसलेस (आनलाइन) कर एक बड़ा कदम उठाया है। विभाग की 33 सेवाएं फेसलेस हो गई हैं। अब लोगों को परिवहन विभाग के दफ्तर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के अलावा अन्य कई काम घर बैठे ही आनलाइन हो जाएंगे। वहीं, इस व्यवस्था के तहत अब भ्रष्टाचार व दलालों से भी जनता को मुक्ति मिल जाएगी। इन सेवाओं को फेसलेस करने की योजना के साथ ही विभाग की भविष्य की योजनाओं पर परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत से वीके शुक्ला ने विशेष बातचीत की। प्रस्तुत हैं इस बातचीत के प्रमुख अंश...।
परिवहन विभाग की सभी सेवाएं फेसलेस करना आसान नहीं था, फिर भी यह किया गया। इसके पीछे क्या उद्देश्य है?
-इन सेवाओं को फेसलेस करने के पीछे एकमात्र उद्देश्य जनता को लाभ पहुंचाना है। अब लोग घर बैठे अपने काम करा सकेंगे। उन्हें परिवहन विभाग के कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। उनका समय बचेगा, आने-जाने का खर्च बचेगा..और सबसे बड़ी बात है कि उन्हें किसी दलाल को कोई पैसा नहीं देना होगा। यदि कोई व्यक्ति अपने कार्यालय में बैठा है और उसे बीच में कुछ समय मिल जाता है तो वह वहीं से बैठे बैठे आवेदन कर सकेगा। 24 घंटे में दिन-रात में जब भी उसके पास समय होगा। वह आवेदन कर सकेगा। यहां तक कि लोग लìनग लाइसेंस भी घर बैठे बनवा सकेंगे।
आपने घर बैठे लर्निंग लाइसेंस बनवाने की बात की, क्या इसमें फर्जीवाड़ा नहीं हो सकेगा?
-बिल्कुल नहीं, इसे सुरक्षित बनाने के लिए मैंने इस सेवा को शुरू करने में पांच माह का इंतजार किया है। नहीं तो हम इस सेवा को फरवरी में शुरू कर देते। कोई भी गड़बड़ी करने की कोशिश करेगा तो पकड़ा जाएगा। वेब कैमरा लगातार रिकार्डिंग करेगा, जो आवेदक को दिखाई नहीं देगा। गड़बड़ी हुई तो आवेदन निरस्त हो जाएगा।
बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आइपी एस्टेट ट्रांसपोर्ट अथारिटी पर ताला लगाया और चार अथारिटी कार्यालय बंद कर दिए। इसका क्या मतलब है? क्या सरकार ने चार अथारिटी बंद कर दी हैं?
-जी नहीं, यह समझने की जरूरत है। कोई भी अथारिटी बंद नहीं हुई है। हमने भ्रष्टाचार और दलाली पर ताला लगाया है। जब सब काम आनलाइन हो रहा है तो कार्यालय किसलिए जाना होगा। कोई अथारिटी बंद नहीं हुई है। इन अथारिटी से संबंधित सभी कार्य होंगे। इन कार्यालयों के क्षेत्रधिकार वाले इलाकों के लिए यहां की अथारिटी के डीएल नंबर वाले वाहन पंजीकृत होंगे। इन्हीं अथारिटी में उनका रिकार्ड रखा जाएगा। इन अथारिटी के काम को दूसरी अथारिटी से अटैच कर दिया गया है।
एक बड़ी समस्या उन लोगों की भी है, जो इंटरनेट का उपयोग नहीं कर पाते हैं, क्या वे इन सेवाओं का लाभ नहीं ले पाएंगे?
-ऐसा नहीं है। उनके लिए भी बहुत आसान है। वे लोग हेल्पलाइन नंबर 1076 पर फोन करेंगे। डोर स्टेप डिलीवरी व्यवस्था के तहत कर्मचारी उनके घर पर आएगा। वह घर पर ही संबंधित व्यक्ति का आवेदन कराएगा। वह आवेदन भी करा देगा और इससे संबंधित कोई और कार्य होगा तो उसे भी आनलाइन करा देगा। इस तरह इंटरनेट का उपयोग न कर पाने वाले भी आसानी से इन सेवाओं का लाभ ले पाएंगे।
परिवहन विभाग को फेसलेस करने की परिकल्पना कैसे बनी और इस पर कब से काम किया जा रहा था?
-मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी एक बात हमेशा कहते हैं कि कोई इमारत तो अच्छी बना लोगे, लेकिन जब तक सेवाएं अच्छी नहीं करोगे तो उसका जनता का कोई लाभ नहीं होगा। उनकी इसी बात से परिवहन विभाग को फेसलेस करने की प्रेरणा मिली। हम लोग इसपर पिछले कुछ साल से काम कर रहे थे। धीरे-धीरे और बेहतर ढंग से व्यवस्था कर इसे आगे बढ़ाया गया।
दिल्ली की परिवहन व्यवस्था को बेहतर करने के लिए आप की सरकार ने अभी तक क्या कदम उठाए हैं और भविष्य की क्या योजना है?
-देखिए, 2015-16 में जब हमारी सरकार आई थी, दिल्ली में परिवहन निगम और क्लस्टर मिलाकर कुल 5659 बसें थीं। 2016-17 में कुल बसों की संख्या 5826 हुई। 2017-18 में यह 5732, 2018-19 में 5576, 2019-20 में 6048 और 2020-21 में यानी मौजूदा समय में कुल बसों की संख्या 6782 है। यानी बसों की संख्या लगातार बढ़ी है। यही नहीं, दिल्ली का बसों का बेड़ा साल के अंत तक पहली बार 8000 को पार करेगा और मार्च, 2022 तक दिल्ली में कुल 8242 बसें हो जाएंगी। नई बसों में 1,300 डीटीसी बसें और 160 क्लस्टर बसें शामिल होंगी। दिल्ली जल्द ही भारत में बसों के सबसे बड़े बेड़े वाला शहर होगा।