अब हर मौसम शान से लहराएगा तिरंगा, आइआइटी दिल्ली ने कपड़े की गुणवत्ता सुधारने में पाई सफलता
भारत को एकता के सूत्र में पिराेते तिरंगे झंडे के कपड़े की गुणवत्ता सुधारने के लिए आइआइटी दिल्ली के विज्ञानियों ने सफलता हासिल की है। आइआइटी के टेक्सटाइल डिपार्टमेंट ने विभिन्न रासायनिक प्रक्रियाओं के तहत अलग अलग तरह के कपड़े तैयार किये हैं।
नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। तिरंगा झंडा...हर भारतीय की आन, बान और शान है। 26 जनवरी 2002 को भारत के प्रत्येक नागरिक को तिरंगा झंडा शान के साथ फहराने की इजाजत मिली। भारत को एकता के सूत्र में पिराेते तिरंगे झंडे के कपड़े की गुणवत्ता सुधारने के लिए आइआइटी दिल्ली के विज्ञानियों ने सफलता हासिल की है। आइआइटी के टेक्सटाइल डिपार्टमेंट ने विभिन्न रासायनिक प्रक्रियाओं के तहत अलग अलग तरह के कपड़े तैयार किये हैं। इन उन्नत कपड़ों से तैयार 2 प्रोटोटाइप तिरंगा एक दिल्ली, दूसरा लद्दाख में लगाया गया है। इस पर मौसमी प्रभावों का अध्ययन किया जाएगा। जिसके लिए 4 महीने बाद तिरंगा आइआइटी दिल्ली के लैब में लेकर आया जाएगा। इन दो के अलावा भी 10 प्रोटोटाइप तैयार किया गया है। फरवरी महीने में देश के 10 शहरों में ये राष्ट्रीय ध्वज लगाए जाएंगे।
टेक्सटाइल डिपार्टमेंट के प्रोफेसर बिपिन कुमार ने कहा कि इन सभी कपड़ों से तैयार तिरंगे झंडे पर मौसमी प्रभावों का अध्ययन किया जाएगा। जो कपड़ा अनुकूल होगा उसे और उन्नत किया जाएगा। उम्मीद है कि अगले कुछ महीने में हम ऐसे कपड़े तैयार कर पाएंगे जो विभिन्न मौसमी दशाओं को सहने में सक्षम होंगे। तिरंगा शान से लहराएगा। कपड़ा खराब नहीं होगा।
दरअसल, देश में जलवायु और भौगोलिक भिन्नताएं हैं। इंजीनियरिंग फ्रैब्रिक डिजाइन करना बहुत बड़ी चुनौती है। ऐसे में झंडे के लिए रेशे को इस तरह से चुना और डिजाइन किया जा रहा है ताकि वह कठोर जलवायु परिस्थितियों में भी लंबे समय तक टिक सके और बहुत भारी भी नहीं हो।
एक महीने में तैयार हुआ एक झंडा
बकौल प्रो बिपिन कुमार निटिंग के जरिए इन्हें तैयार किया गया है। चूंकि तिरंगे का आकार बड़ा है इसलिए बनाने में समय भी लग रहा है। 6 फीट लंबे और 9 फीट चौड़ाई से लेकर 60 फीट लंबे और 90 फीट चौड़े झंडे बनाए जा रहे हैं।
प्रमुख तथ्य
- 22 जुलाई 1947 को तिरंगे झंडे को राष्ट्रीय ध्वज घोषित किया गया था।
- 26 जनवरी 2002 को नागरिकों को तिरंगा झंडा फहराने की अनुमति मिली।
- देश आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, इस लिहाज से यह अहम उपलब्धि।