Delhi Market Closed News: अब गढ़ी मार्केट को शुक्रवार तक हुई बंद, व्यापारी नेता की मांग- गृह मंत्रालय करे हस्तक्षेप
कोरोना दिशानिर्देशों का पालन कराने के लिए डीडीएमए की ओर से बनाई गई टास्क फोर्स ने मार्केट का निरीक्षण किया तो यहां कई तरह के उल्लंघन पाए गए। टीम ने पाया कि पूरी मार्केट में शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो रहा है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना दिशानिर्देशों के उल्लंघन के मामले के चलते दक्षिण पूर्वी जिले की गढ़ी मार्केट को दो दिन के लिए बंद कर दिया गया है। एसडीएम डिफेंस कालोनी ने वाट्सएप वीडियो और फोटो के आधार पर गढ़ी बाजार को 15 व 16 जुलाई के लिए बंद कर दिया है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लगातार जिला प्रशासन सख्ती बरत रहा है। दरअसल, कोरोना दिशानिर्देशों का पालन कराने के लिए डीडीएमए की ओर से बनाई गई टास्क फोर्स ने मार्केट का निरीक्षण किया तो यहां कई तरह के उल्लंघन पाए गए। टीम ने पाया कि पूरी मार्केट में शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो रहा है। वहीं, खाने-पीने का सामान बेचने वाले भी कोरोना दिशानिर्देशों का पालन नहीं कर रहे। मार्केट में जगह-जगह थूक के दाग मिले, तमाम लोग बिना मास्क के भी मार्केट में नजर आए। बड़े पैमाने पर उल्लंघन पाए जाने के बार प्रशासन ने मार्केट को 16 जुलाई तक बंद कर दिया है।
कोरोना दिशानिर्देशों के पालन के लिए गृह मंत्रालय करे हस्तक्षेप: राकेश यादव
फेडरेशन आफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन (फेस्टा) के अध्यक्ष राकेश यादव ने एशिया के बड़े बाजारों में से एक सदर बाजार में कोरोना दिशानिर्देशों का पालन कराने के लिए गृहमंत्रालय से हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने कहा कि यहां रोजाना लाखों की संख्या में लोगों की मौजूदगी होती है, जिनके बीच चंद निजी गार्ड्स से कोरोना नियमों का पालन नहीं कराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बाजार संगठन की ओर से इस संबंध में उपराज्यपाल को भी पत्र लिखा गया है तथा बाजार की मौजूदा स्थिति व दुकानदारों की व्यावहारिक दिक्कतों से अवगत कराने के लिए उनसे मिलने का वक्त मांगा गया है।
राकेश यादव ने बताया कि प्रशासन के तीन दिनों के बंद के आदेश के बाद से मुख्य बाजार बुधवार को फिर से खुल गए हैं, लेकिन भीड़ भाड़ कम रखने के लिए वाहनों का प्रवेश रोका गया है। पुलिस से रुई मंडी व मुख्य बाजार में बैरिकेड लगाकर यातायात रोकने का अनुरोध किया गया है, जिसे मान लिया गया है, लेकिन आवश्यकता ठोस कदमों की है, जो बिना प्रशासन, पुलिस की मदद से कारोबारी संगठन क्रियान्वित नहीं कर सकते हैं। इसलिए अब इस मामले में गृह मंत्रालय से हस्तक्षेप की मांग की जा रही है। जल्द इस संबंध में विस्तृत पत्र मंत्रालय को भेजा जाएगा।