अब दिल्ली कांग्रेस के एक नेता ने खोल लिया यूट्यूब चैनल, देते हैं गीता का ज्ञान
पूर्व दिल्ली प्रभारी और पूर्व एआइसीसी महासचिव पीसी चाको के खासे करीबी माने जाने वाले यह नेताजी अब बयान नहीं बल्कि गीता का ज्ञान देते हैं। पहले यह ज्ञान मित्र मंडली के बीच दिया करते थे लेकिन अब इन्होंने बाकायदा यूटयूब चैनल शुरू किया है।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। लगातार 15 साल तक दिल्ली पर राज करने वाली कांग्रेस फिलहाल बुरे दौर से गुजर रही है। दिल्ली में कांग्रेस पार्टी नेता इस कदर निराश हैं कि वे विरक्ति की राह भी चलने को तैयार दिखाई दे रहे हैं। इसकी बानगी भी देखने को मिल रही है। हैरत की बात यह भी है कि दिल्ली नगर निगम चुनाव में 6 महीने से कुछ ज्यादा का ही वक्त बचा है और कांग्रेस पार्टी धीरे-धीरे और भी बुरे हाल में पहुंचती नजर आ रही है।
कांग्रेस के नेता ज्ञान देने के लिए खोल लिया यूट्यूब चैनल
दरअसल, दिल्ली महिला कांग्रेस कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष शर्मिष्ठा मुखर्जी (Sharmistha Mukherjee, former president of Delhi Mahila Congress) ने सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया तो प्रदेश कांग्रेस के पूर्व महासचिव ओमप्रकाश विधूड़ी ने भक्ति की राह पकड़ ली। पूर्व दिल्ली प्रभारी और पूर्व एआइसीसी महासचिव पीसी चाको के खासे करीबी माने जाने वाले यह नेताजी अब बयान नहीं बल्कि गीता का ज्ञान देते हैं। पहले यह ज्ञान मित्र मंडली के बीच दिया करते थे लेकिन अब इन्होंने बाकायदा यूटयूब चैनल शुरू किया है। 'दिव्य ज्ञान बाय ओमप्रकाश जी' नाम से इन्होंने गीता के दो अध्याय भी तैयार कर लिए हैं।
ज्ञान देने के साथ राजनीतिक में भी सक्रिय होने को तैयार
इंटरनेट मीडिया पर इनके बहुत से प्रशंसक-समर्थक प्रदेश कांग्रेस के पूर्व महासचिव ओमप्रकाश विधूड़ी का चैनल सब्सक्राइब कर रहे हैं। कहते हैं, पार्टी ने जब भी जिम्मेदारी दी, शिद्दत से निभाई। आगे भी कोई आदेश होगा तो अवश्य पूरा करेंगे। तब तक भगवान और अध्यात्म में मन लगा रहे हैं। गीता का ज्ञान सही मायने में जीवन पथ पर आगे बढ़ने का संदेश देता है।
दावे बड़े-बड़े, रोड मैप का पता नहीं
वहीं, लोकसभा और विधानसभा चुनाव के मैदान में जीरो पर आउट होने वाली दिल्ली कांग्रेस अब नगर निगम चुनाव को लेकर भी बड़े-बड़े दावे कर रही है। प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी एवं उनकी टीम के कई नेता इस खुशफहमी में हैं कि इस बार वे अच्छा प्रदर्शन करेंगे। ना जाने कहां से उन्हें भ्रम हो गया है कि दिल्ली वासी केंद्र की भाजपा और दिल्ली की केजरीवाल सरकार से खफा हैं। इसी गलतफहमी के चलते यह नेता जहां आलाकमान तक को गुमराह कर रहे हैं, वहीं चुनाव की तैयारी को लेकर भी गंभीर नहीं हैं। आलम यह है कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सवा माह पहले दिल्ली टीम से निगम चुनाव का रोड मैप मांगा था, लेकिन वह आज तक नहीं बन पाया। एआइसीसी ने तो फिर भी दिल्ली के सभी 14 जिलों के लिए पर्यवेक्षक भी नियुक्त कर दिए जबकि प्रदेश कांग्रेस कोई समिति तक गठित नहीं कर सकी।