दिल्ली में डकैती के तीन मामलों में वांछित कुख्यात बदमाश गिरफ्तार, एक लाख रुपये का था ईनामी
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कुख्यात बदमाश परवेज को गिरफ्तार किया है। इसपर दिल्ली पुलिस की तरफ से एक लाख रुपये का इनाम था । परवेज दिल्ली में हुई डकैती के तीन मामलों में वांछित था ।
नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कुख्यात बदमाश परवेज को गिरफ्तार किया है। इस पर दिल्ली पुलिस की तरफ से एक लाख रुपये का इनाम था। परवेज दिल्ली में हुई डकैती के तीन मामलों में वांछित था। इसके पास से दो पिस्टल व 20 कारतूस बरामद किए गए हैं। दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड के दस आपराधिक मामलों में वह भगोड़ा घोषित था।
पुलिस ने टीम बनाकर किया गिरफ्तार
डीसीपी प्रमोद सिंह कुशवाहा के मुताबिक एसीपी ललित मोहन नेगी और एसीपी हृदय भूषण के नेतृत्व में इंस्पेक्टर संजय गुप्ता व राजेश कुमार की टीम ने परवेज को गिरफ्तार किया। वह चौथा पुस्ता, करतार नगर, सीलमपुर का रहने वाला है। शाहदरा में 15 लाख की डकैती के मामले में इस पर 50 हजार व एक अन्य मामले में 50 हजार का इनाम था। गिरफ्तारी के समय इसके पास से एक पिस्टल और 5 जिंदा कारतूस बरामद किए गए। इसके बाद में उसके घर से एक और पिस्टल और 15 जिंदा कारतूस बरामद किए गए।
हथियार के बल पर करता था लूटपाट
सेल को जानकारी मिली थी कि एक अंतरराज्यीय लुटेरा प्रवीण उर्फ परवेज अपना गैंग चला रहा है। दिल्ली व अन्य राज्यों में हथियार के बल पर लूटपाट कर रहा है। उसे दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड में हत्या के चार मामलों सहित 17 मामलों में पहले गिरफ्तार किया जा चुका है। 2018 में जमानत पर रिहा होने के बाद वह फिर से सक्रिय हो गया था। 2020 में उसने साथियों के साथ मिलकर गाजीपुर की मुर्गा मंडी में एक मीट कारोबारी से बंदूक की नोंक पर 18 लाख रुपये लूट लिए थे। दो महीने तक निरंतर प्रयास के बाद उसे 24 जनवरी को कन्हैया नगर, केशव पुरम से दबोच लिया गया।
2006 से अपराध की दुनिया में था सक्रिय
परवेज पहले बेगमपुर में रहता था। 2006 में उसने अपराध की दुनियां में कदम रखा था। उसने केबल ऑपरेटरों के बीच प्रतिद्वंद्विता के कारण गैंगस्टर अजय बरवाला पर गोलियां चला दी थी। जेल में रहने के दौरान वह कई बदमाशों के संपर्क में आया और कुख्यात गैंगस्टर डिंपल त्यागी के गिरोह में शामिल हो गया था। मुठभेड़ में डिंपल त्यागी की मौत के बाद परवेज ने हितेंद्र उर्फ छोटू और किशन पाल उर्फ फौजी के समर्थन से गिरोह की बागडोर संभाली और उसके बाद गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड में डकैती और हत्या की वारदात करना शुरू कर दिया था। 2006 से 2011 के दौरान उसने देहरादून व दिल्ली में कई वारदात को अंजाम दिया।