Delhi Cantt Girl Assault and Murder Case: करंट से नहीं हुई थी बच्ची की मौत, जांच के बाद पुलिस ने किया दावा
जांच में वाटर कूलर में बच्ची के बाल कपड़े व चमड़े के चिपके होने का कोई सुबूत नहीं मिला है। श्मशान गृह के बिजली मिस्त्री जिसे पुलिस ने मामले का मुख्य गवाह बनाया है। उसने भी पुजारी द्वारा किए गए दावे को गलत बताया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली कैंट के नांगलराया श्मशान गृह परिसर में नौ साल की बच्ची के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या करने के मामले की गुत्थी और उलझ गई है। दरअसल, वाटर कूलर की जांच और यहां से लिए गए नमूनों से यह साफ हो गया है कि बच्ची की मौत करंट लगने से नहीं हुई है। ऐसे में अब गिरफ्तार आरोपितों पर ही हत्या किए जाने का शक और गहरा गया है। हालांकि, पुलिस को अब तक ऐसा कोई सुबूत नहीं मिला है, जिसके आधार पर दुष्कर्म व हत्या की बात स्पष्ट हो सके। ऐसे में बच्ची को न्याय दिलाना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती साबित होने जा रहा है।
कैंट इलाके के नागलराया में नौ वर्षीय बच्ची की एक अगस्त को कथित सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। इस मामले में गिरफ्तार श्मशान भूमि के पुजारी राधेश्याम सहित चारों आरोपित लगातार वाटर कूलर में उतरे करंट से बच्ची की मौत का दावा कर रहे थे। ऐसे में क्राइम ब्रांच ने वाटर कूलर की फोरेंसिक टीम व इलेक्ट्रीशियन से जांच कराई थी।
इसमें स्पष्ट हुआ है कि बच्ची की मौत करंट लगने से नहीं हुई है, क्योंकि वाटर कूलर में करंट आने की बात झूठ निकली है। इसके अलावा क्राइम ब्रांच की निगरानी में फोरेंसिक एक्सपर्ट ने वाटर कूलर से नमूने उठाए थे।
जांच में वाटर कूलर में बच्ची के बाल, कपड़े व चमड़े के चिपके होने का कोई सुबूत नहीं मिला है। श्मशान गृह के बिजली मिस्त्री जिसे पुलिस ने मामले का मुख्य गवाह बनाया है। उसने भी पुजारी द्वारा किए गए दावे को गलत बताया है। क्राइम ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक जांच से यह भी पता चला है कि पुजारी राधेश्याम अक्सर अपने कमरे में अश्लील फिल्में देखता था और मृतक बच्ची से मालिश करवाता था। गत दिनों क्राइम ब्रांच ने इस मामले में तिहाड़ जेल में बंद पुजारी राधेश्याम समेत कुलदीप, लक्ष्मी नारायण व सलीम को प्रोडक्शन वारंट पर पूछताछ के लिए तीन दिन के लिए रिमांड पर लिया था। हालांकि, पूछताछ में पुलिस को कोई खास जानकारी नहीं मिली है।