UP: 3 बच्चों व पत्नी की हत्या का रहस्य गहराया, वीडियो में कही गईं बातें भी 'झूठीं'
आरोपित सुमित ने सामूहिक हत्या कर घर में लूटपाट की है। वह गहने और नकदी लेकर फरार हो गया है। यदि उसे आत्महत्या करनी होती तो वह पत्नी और बच्चों के साथ ही जान दे देता।
गाजियाबाद, जेएनएन। इंजीनियर दामाद द्वारा बेटी और पोते-पोती की हत्या की खबर अंशु बाला के माता-पिता को बिहार के सारण में मिली। हवाई जहाज से सोमवार दोपहर पीड़ित माता-पिता दिल्ली पहुंचे। इसके बाद इंदिरापुरम थाने पहुंचे परिजनों ने बताया कि घर में कोई आर्थिक तंगी नहीं थी। आरोपित सुमित ने सामूहिक हत्या कर घर में लूटपाट की है। वह गहने और नकदी लेकर फरार हो गया है। यदि उसे आत्महत्या करनी होती तो वह पत्नी और बच्चों के साथ ही जान दे देता। परिजनों ने हत्यारोपित सुमित के भाई और बहन को गिरफ्तार करने की मांग की है। पीड़ित माता-पिता ने कहा कि सुमित को पकड़कर फांसी दे दो, तभी बेटी और बच्चों को इंसाफ मिलेगा।
बिहार के सारण जिले के ग्राम अंजनी मकेर, थाना मकेर, तहसील परसा के रहने वाले बीएन सिंह सेना से सेवानिवृत्त हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2011 में बेटी अंशु बाला उर्फ पूजा (30) की शादी 79/2/ 4 रोड नंबर-6 आदित्यपुर, जिला- सिंहभूम (पश्चिम) झारखंड निवासी सुमित (33) के साथ की थी। सुमित बीटेक पास है। वह इंदिरापुरम के ज्ञानखंड-चार स्थित एसएफ-175 बी में रहता था। साथ में बेटी अंशु बाला, उसके बेटे प्रथमेश (सात), आरव (चार) और बेटी आकृति (चार) भी रहती थे। आकृति और आरव जुड़वां थे। बीती आठ अप्रैल को उनका जन्मदिन था। बीएन सिंह ने बताया कि उन्हें रविवार को पता चला कि सुमित ने पत्नी अंशु बाला और बच्चों को कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ पिलाकर गला रेत डाला।
बेटी का न हो उत्पीड़न, इसलिए रहते थे साथ
पीड़ित बीएन सिंह का कहना है कि वह अपनी पत्नी मीरा सिंह के साथ बेटी अंशु बाला के पास रहते थे। वह इंदिरापुरम की एक सिक्योरिटी कंपनी में सिक्योरिटी ऑफिसर की नौकरी करते हैं। पीड़ित माता-पिता का कहना है कि उनका दामाद अक्सर अंशु से लड़ाई करता था। वह अंशु से बार-बार रुपये मांगता था। रुपये न देने पर पिटाई करता था। सुमित के रुपये मांगने की बात उनकी बेटी उनसे बताती थी। एक सप्ताह पहले वह शादी में शामिल होने छपरा गए थे। उन्हें नहीं अंदेशा नहीं था कि उनके जाते ही दामाद उनकी बेटी और बच्चों की हत्या कर देगा। बीएन सिंह के अन्य दो बेटे हैं जो गाजियाबाद और दिल्ली में रहते हैं। बिहार के छपरा स्थित पैतृक गांव में कोई नहीं रहता है।
मां ने की फ्लैट खोलने की मांग की
पीड़ित मां मीरा सिंह ने पुलिस से फ्लैट खोलने की मांग की, जहां पर सुमित ने पत्नी और बच्चों की हत्या की है। उनका कहना है कि सुमित घर से लाखों के गहने और नकदी लेकर गया है। वह घर की जांच करना चाहती हैं कि सुमित घर से क्या-क्या लूटकर ले गया है। इसके बाद वह सुमित पर लूट का भी मुकदमा दर्ज कराना चाहती हैं।
आरोपित के भाई-बहन पर भी जताई आशंका
बीएन सिंह का कहना है कि हत्या के बाद सुमित ने वीडियो वाट्सएप ग्रुप पर डालकर बताया कि उसने आर्थिक तंगी के चलते हत्या की थी, लेकिन घर में कोई आर्थिक तंगी नहीं थी। उनका कहना है कि सुमित हर माह एक लाख से अधिक कमाता था। हालांकि उसने नौकरी छोड़ रखी थी। घर-परिवार चलाने में कोई परेशानी नहीं थी। उसने रुपये के लिए हत्या की है। सुमित के भाई और बहन का भी हत्या में हाथ हो सकता है। उन्होंने कहा कि पुलिस सुमित के भाई और बहन को गिरफ्तार करे, इसके बाद सुमित खुद हाजिर हो जाएगा। विश्वास है कि सुमित ने आत्महत्या नहीं की है।
जुड़वां बच्चे जाते थे ट्यूशन
बीएन सिंह ने बताया कि उनकी बेटी अंशु मदर प्राइड स्कूल, इंदिरापुरम में शिक्षिका थी। वह घर पर बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती थी। प्रथमेश निजी स्कूल की पहली कक्षा में पढ़ने जाता था। जुड़वां बेटे-बेटी आरव व आकृति सोसायटी के पास ही ट्यूशन पढ़ने जाते थे। आगामी जुलाई में दोनों बच्चों का स्कूल में दाखिला कराना था।
सुमित के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज
इंदिरापुरम थाना प्रभारी निरीक्षक संदीप कुमार सिंह का कहना है कि मृतक अंशु बाला के भाई पंकज की शिकायत पर सुमित पर हत्या की धारा में रिपोर्ट दर्ज की गई है। उसका कोई सुराग नहीं मिला है। आरोपित की तलाश की जा रही है।
वहीं, ज्ञान खंड-चार में पत्नी व तीन बच्चों की हत्या के बाद वायरल वीडियो पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। वीडियो में आरोपित पति ने आर्थिक तंगी के चलते पत्नी और बच्चों की हत्या करने का दावा किया था लेकिन किराना, कॉस्मेटिक दुकान संचालक और प्रेस वाले ने किसी प्रकार का उधार होने से इनकार किया है। सभी का कहना है कि सामान खरीदने के बाद तुरंत भुगतान किया जाता था।
सोसायटी में रहने वाले पड़ोसियों से बात करने पर सुमित की बताई सारी बातें गलत साबित हो रहीं हैं। समस्तीपुर बिहार के रहने वाले रामलाल कई वर्ष से सोसायटी में कपड़े प्रेस करते हैं। उन्होंने बताया कि सुमित के घर से प्रतिदिन छह जोड़ी कपड़े उनके पास प्रेस होने आते थे। शुक्रवार सुबह भी कपड़े प्रेस होने आए थे। कपड़े प्रेस करने के एवज में प्रतिमाह सुमित के घर से 15 सौ रुपये मिलते थे। परिवार ने कभी रुपये उधार नहीं किया। सोसायटी के पास स्थित किराना दुकान संचालक ने बताया कि अंशु बाला प्रतिमाह आठ से 10 हजार रुपये का घरेलू सामान नकद लेकर जाती थीं।
पत्नी व तीन बच्चों की हत्या करने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर सुमित को नशीली दवाइयां और जहरीला रसायन बेचने वाले मेडिकल स्टोर संचालक को इंदिरापुरम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दो साल से उसने मेडिकल स्टोर का लाइसेंस नवीनीकरण नहीं कराया था। औषधि निरीक्षक की शिकायत पर उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत भी रिपोर्ट दर्ज की गई है। पुलिस जांच में पता चला है कि आरोपित सुमित दो साल में एक लाख रुपये की नशीली दवाइयां खरीदकर खा चुका है।
इंदिरापुरम थाना प्रभारी निरीक्षक संदीप कुमार सिंह ने बताया कि सोमवार सुबह औषधि निरीक्षक, तहसीलदार के साथ न्याय खंड-तीन स्थित हुकुम मेडिकल स्टोर पर छापेमारी की गई। इस दौरान नशीली व प्रतिबंधित दवाइयां बरामद हुईं। मौके से पुलिस ने दो पेटी दवाइयां कब्जे में लीं। मेडिकल स्टोर संचालक मुकेश (40) निवासी मकनपुर को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपित मुकेश के खिलाफ औषधि निरीक्षक वैभव बब्बर की शिकायत पर एनडीपीएस एक्ट व अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है। दोपहर में पूछताछ के बाद उसे जेल भेज दिया गया है।
वहीं, सुमित कुमार ने अपने 2.40 मिनट के वीडियो में बताया कि वह पोटेशियम साइनाइड खाकर पांच मिनट में अपनी भी जिंदगी खत्म कर लेगा, मगर सोमवार को गिरफ्तार हुकुम मेडिकल स्टोर संचालक मुकेश ने पुलिस को बताया कि उसके पास पोटेशियम साइनाइड नहीं थी। सुमित काफी जिद कर रहा था, जिस कारण मुकेश ने दूसरी दवा पोटेशियम साइनाइड बताकर उसे दे दी। विश्वास दिलाने के लिए इसके व नशीली गोलियों के एवज में उससे 22,500 रुपये वसूल लिए। पुलिस अधिकारी मुकेश के बयान पर अभी पूरी तरह भरोसा नहीं कर रहे। मगर वह यह भी कह रहे हैं कि पोटेशियम साइनाइड मेडिकल स्टोर पर मिलना लगभग असंभव है। तलाशी में भी उसकी दुकान से नहीं मिला है।
बताया जा रहा है कि बेंगलुरु की कंपनी में सुमित ने अक्टूबर-2018 में 14 लाख रुपये के पैकेज पर एप्लीकेशन मैनेजर के रूप में ज्वॉइन किया था। यूएसटी ग्लोबल कंपनी ने दो माह बाद ही अपना सिस्टम अपग्रेड कर दिया, जिस पर सुमित काम नहीं कर पाया। जनवरी में ही उसने इस्तीफा दे दिया, लेकिन घर वालों को इस बारे में नहीं पता था।
रतलाम में मिली थी लोकेशन
पत्नी और तीन बच्चों की हत्या कर फरार इंजीनियर सुमित की आखिरी लोकेशन रविवार शाम मध्य प्रदेश के रतलाम में मिली है। सुमित अपनी पत्नी के दो मोबाइल लेकर फरार है। पुलिस जांच में पता चला है कि सुमित की आखिरी बार उसके भाई अमित से बात हुई थी। अमित ने भी सुमित के बारे में जानकारी होने से इन्कार किया है। पुलिस ने कई राज्यों की जीआरपी को सुमित के बारे में जानकारी भेजकर गिरफ्तारी करने में मदद मांगी है। पुलिस की आधा दर्जन से अधिक टीमें सुमित को तलाशने में विभिन्न राज्यों में गई हैं।
मृतक अंशु के परिजनों का कहना है कि आरोपित सुमित के कई रिश्तेदार व जानने वाले मध्य प्रदेश में रहते हैं। आशंका है कि वह वहां पर अपनी पहचान छिपाकर रह सकता है। भले ही उसने वीडियो में कहा था कि वह पांच मिनट में आत्महत्या कर लेगा, लेकिन ऐसा हुआ प्रतीत नहीं हो रहा है। अंशु के परिजनों का कहना है कि आत्महत्या करनी होती तो यहीं पर कर लेता वह भागता न। पुलिस की आधा दर्जन से अधिक टीमें बंगलुरु, बिहार, मध्यप्रदेश व अन्य राज्यों में सुमित को तलाशने के लिए रवाना हो चुकी हैं। उसके नंबर सर्विलांस पर लगाए गए हैं।
आधा दर्जन संदिग्ध नंबरों की जांच शुरू
पुलिस ने आरोपित सुमित के मोबाइल नंबर की सीडीआर भी निकाली है। पुलिस को करीब आधा दर्जन संदिग्ध नंबर मिले हैं, जिनपर सुमित की बात होती थी। ये नंबर बिहार, बंगलुरू, मध्य प्रदेश, दिल्ली समेत अन्य स्थानों के हैं। पुलिस ने संदिग्ध नंबरों की जांच शुरू कर दी है। पुलिस मंगलवार शाम या बुधवार सुबह तक हत्यारोपित सुमित को जिंदा या मरा हुआ बरामद करने का दावा कर रही है।
सात राज्यों की जीआरपी को दी गई सुमित की सूचना
सूत्रों की मानें तो हत्यारोपित सुमित के हत्या कर फरार होने की सूचना सात राज्यों के जीआरपी और पुलिस को दी गई है। बताया जा रहा है कि वह ट्रेन में सफर कर एक से दूसरी जगह पहुंचेगा।