Nizamuddin Markaz: दो दिन में खुल जाएगा निजामुद्दीन मरकज का आवासीय परिसर, कोर्ट ने दिया पुलिस को निर्देश
निजामुद्दीन मरकज का आवासीय परिसर दो दिन में खुल जाएगा। मौलाना साद की मां की याचिका पर सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने पुलिस को निर्देश जारी कर कहा कि मरकज के आवासीय परिसर की चाबी दो दिन के भीतर वहां के निवासियों को सौंपी जाए।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। निजामुद्दीन मरकज का आवासीय परिसर दो दिन में खुल जाएगा। मौलाना साद की मां की याचिका पर सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने पुलिस को निर्देश जारी कर कहा कि मरकज के आवासीय परिसर की चाबी दो दिन के भीतर वहां के निवासियों को सौंपी जाए। साथ ही स्पष्ट किया कि संपत्ति के गैर-आवासीय हिस्से में प्रवेश की इजाजत किसी को नहीं है।
पिछले वर्ष तब्लीगी जमात के एक कार्यक्रम के बाद निजामुद्दीन मरकज के साथ उसके आवासीय परिसर को भी बंद कर दिया गया था। जिससे वहां रहने वाले अपने घर से वंचित हो गए थे। इन लोगों को निचली अदालत से राहत नहीं मिल पाई थी। उसके बाद मौलाना साद की मां ने दिल्ली हाई कोर्ट से राहत की गुहार लगाते हुए अर्जी दायर की थी। जिस पर कोर्ट ने पुलिस से आवासीय परिसर को बंद करने के किसी भी आदेश के अस्तित्व पर स्थिति रिपोर्ट मांगी थी।
सोमवार को इस अर्जी पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति योगेश खन्ना की पीठ ने साक्ष्य अधिनियम और स्थानीय निरीक्षण को लेकर दंड प्रक्रिया संहिता पर चर्चा करते हुए पुलिस से पूछा कि आपने कौन सी धाराएं रखी हैं। पुलिस से कहा कि किसी जगह को निगरानी में रखने का मतलब यह नहीं होता कि उस पर ताला लगा दिया जाए। बल्कि फोटो लेकर वहां से हट जाना चाहिए। ताकि यह पता रहे कि क्या बरामद हुआ है। पीठ ने कहा कि हम लोगों को उनके घर के अलावा अतिथि गृह या किसी अन्य स्थान पर रहने की अनुमति नहीं दे सकते।
याचिकाकर्ता की वकील ने कहा कि उनकी मुवक्किल और उनके स्वजन को घर से वंचित नहीं किया जा सकता। वहीं अभियोजन पक्ष के वकील ने कहा कि निवासी प्रासंगिक समय पर कोरोना नियमों का उल्लंघन कर रह रहे थे। दोनों पक्षों को सुनने के बाद पीठ ने पुलिस को चाबी सौंपने का निर्देश जारी कर दिया। अब इस मामले में नौ दिसंबर को सुनवाई होगी।