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शराबबंदी पर साथ क्यों नहीं आते वाम दल और कांग्रेस: नीतीश कुमार

नीतीश कुमार ने बिहार का उदाहरण देते हुए कहा कि शराबबंदी से राज्य में अपराध में गिरावट आई है। बचत, समृद्धि और खुशहाली का ग्राफ बढ़ा है।

By Amit MishraEdited By: Published: Sun, 10 Dec 2017 08:47 PM (IST)Updated: Sun, 10 Dec 2017 08:47 PM (IST)
शराबबंदी पर साथ क्यों नहीं आते वाम दल और कांग्रेस: नीतीश कुमार
शराबबंदी पर साथ क्यों नहीं आते वाम दल और कांग्रेस: नीतीश कुमार

नई दिल्ली [जेएनएन]। बिहार में लागू शराबबंदी को पूरे देश में लागू करने की कोशिशों में जुटे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी पर चुप बैठी कांग्रेस व वामदलों पर हमला बोला। शराबबंदी को सर्वधर्म-समभाव का फैसला बताते हुए नीतीश ने कहा कि इसे लागू करने में किसी धर्म को ऐतराज नहीं है। फिर धर्मनिरपेक्षता पर लंबे-लंबे भाषण देने वाली कांग्रेस व वामदल इसका समर्थन क्यों नहीं करते हैं।

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जदयू कार्यकर्ता सम्मेलन

नीतीश तालकटोरा स्टेडियम में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) दिल्ली द्वारा आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन में जेडीयू के प्रधान राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी, राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह, राष्ट्रीय महासचिव व दिल्ली के प्रभारी संजय झा, दिल्ली जेडीयू के अध्यक्ष नरसिंह शाह समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी कार्यकताओं को संबोधित किया। सम्मेलन में दिल्ली-एनसीआर से काफी संख्या में कार्यकर्ता आए हुए थे।

पूरे देश में क्यों नहीं लागू हो सकती शराबबंदी

बिहार के सीएम ने कहा कि शराबबंदी से बड़ा सामाजिक व धार्मिक सद्भाव का उदाहरण नहीं हो सकता है, क्योंकि शराब को चाहे हिंदू हो या मुस्लिम अथवा सिख व जैन किसी धर्म में इजाजत नहीं है। शराबबंदी जब बिहार में लागू हो सकती है, गुजरात में पहले से लागू है तो फिर पूरे देश में क्यों नहीं लागू हो सकती है।

कांग्रेस समर्थन क्यों नहीं करती 

कांग्रेस के लोग इसका समर्थन क्यों नहीं करते हैं। उन्होंने कुछ लोगों के शराब को मौलिक अधिकार बताने को गलत ठहराते हुए कहा कि चंद अमीर लोग हैं जो इसे अपनी आजादी से जोड़ते हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि न शराब पीना और न ही इसका कारोबार करना मौलिक अधिकार है।

अपराध में गिरावट

नीतीश कुमार ने बिहार का उदाहरण देते हुए कहा कि शराबबंदी से राज्य में अपराध में गिरावट आई है। बचत, समृद्धि और खुशहाली का ग्राफ बढ़ा है। अब राज्य के शहर हो या गांव सब जगह शाम ढलने के बाद शांति है। बारात भी समय पर दरवाजे पर पहुंचने लगी है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को दिल्ली में भी शराबबंदी के पक्ष में इस तरह का अभियान चलाने का निर्देश दिया।

बाल विवाह और दहेज विवाह के खिलाफ अभियान

उन्होंने कहा कि वह भी अभियान की मदद के लिए बिहार में शराबबंदी से हुए फायदों के आंकड़े और विशेषज्ञ भेजेंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि शराबबंदी के बाद उनकी सरकार ने बाल विवाह और दहेज विवाह के खिलाफ अभियान चलाया है। हर घर में नल से पीने का पानी, हर गली पक्की व सीवर का निर्माण तथा हर घर में शौचालय के निर्माण का लक्ष्य रखा है। 

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