नीतिश कटारा हत्याकांड: हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को दिया निर्देश, अगली सुनवाई तक जारी रखें यूपी पुलिस डीएसपी की सुरक्षा
अपनी जान को खतरा होने का अंदेशा जताते हुए सुरक्षा जारी रखने का निर्देश देने के लिए याचिका दायर की है। याचिका पर न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ ने आगामी दस दिसंबर को होने वाली अगली सुनवाई तक अनिल समानिया को सुरक्षा मुहैया कराते रहने का निर्देश दिया।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। चर्चित नीतिश कटारा हत्याकांड मामले की जांच करने वाले उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अनिल समानिया की सुरक्षा अगली सुनवाई तक जारी रखने का दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है। उपपुलिस अधीक्षक (डीएसपी) अनिल समानिया मामले के जांच अधिकारी (आइओ) थे और आगामी 30 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। उन्होंने अपनी जान को खतरा होने का अंदेशा जताते हुए सुरक्षा जारी रखने का निर्देश देने के लिए याचिका दायर की है। याचिका पर न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ ने आगामी दस दिसंबर को होने वाली अगली सुनवाई तक अनिल समानिया को सुरक्षा मुहैया कराते रहने का निर्देश दिया।
पीठ ने साथ ही याचिका पर गृह मंत्रालय, दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस, उत्तर प्रदेश सरकार और उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। समानिया ने कहा कि उन्हें 2002 से अब तक सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है और उनकी सेवानिवृत्ति के बाद सुरक्षा वापस ले ली जाएगी और ऐसी स्थिति में उनकी और उनके परिवार के सदस्यों की जान को गंभीर खतरा होगा।उन्होंने कहा कि वह यूपी पुलिस से 40 साल की अनुकरणीय सेवा के बाद सेवानिवृत्त हो रहे हैं और नीतीश कटारा हत्याकांड की जांच की थी। इस मामले में पूर्व मंत्री डीपी यादव का बेटा विकास और भतीजे विशाल यादव शामिल थे।
समानिया की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता पीके डे ने कहा कि नीतीश कटारा की हत्या के मामले में गवाह उनकी मां नीलम कटारा और अजय कटारा को जान का खतरा होने के आधार पर चौबीसों घंटे सुरक्षा प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि तथ्यों और परिस्थितियों के साथ ही डीपी यादव के प्रभाव को विशेष रूप से देखते हुए न्याय के हित में उनके मुवक्किल और उनके परिवार को सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया जाए। तीन अक्टूबर 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने कटारा के सनसनीखेज अपहरण और हत्या मामले में दोषी विकास यादव और उनके चचेरे भाई विशाल को बिना किसी छूट के 25 साल की जेल की सजा सुनाई थी।
वहीं, एक अन्य सह-दोषी सुखदेव पहलवान को भी मामले में 20 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। इन तीनों को विकास की बहन भारती यादव के साथ कथित संबंध के लिए 16-17 फरवरी, 2002 की रात एक शादी पार्टी से नीतीश कटारा का अपहरण और फिर हत्या करने के लिए दोषी ठहराया गया था।