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नीति आयोग ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों को देश में सबसे अव्वल बताया, सिसोदिया ने कहा- गर्व की बात

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि खेल के माध्यम से एकजुटता आती है। कोई खिलाड़ी जब देश के लिए पदक लाता है तो सारे देश का सर गर्व से उठ जाता है। उल्लेखनीय है दिल्ली सरकार ने राज्य स्तर पर खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए योजना चला रखी है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 08:57 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 08:57 PM (IST)
नीति आयोग ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों को देश में सबसे अव्वल बताया, सिसोदिया ने कहा- गर्व की बात
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने 307 खिलाड़ियों को 7.48 करोड़ रु. की प्रोत्साहन राशि दी।

नई दिल्‍ली, ऑनलाइन डेस्‍क। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को दिल्ली की खेल प्रतिभाओं से स्पोर्ट्स में बड़ी कामयाबी हासिल करके दिल्ली और देश का नाम ऊंचा करने का आह्वान किया। छत्रसाल स्टेडियम में आयोजित समारोह में उन्होंने 307 खिलाड़ियों के बीच 7.48 करोड़ रु. की प्रोत्साहन राशि का वितरण किया।

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इस मौके पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार युवा खिलाड़ियों के शानदार प्रशिक्षण के साथ ही उनके अच्छे पोषण का भी ध्यान रख रही है। शिक्षा का महत्वपूर्ण घटक खेल भी है, तथा पिछले 3 सालों से दिल्ली 'स्कूल गेम्स' में प्रथम स्थान पर कायम है। यही कारण रहा है कि केंद्र सरकार के नीति आयोग ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों को देश में सबसे अव्वल बताया है। यह पूरी दिल्ली के लिए गर्व की बात है।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य सरकारें मेडल लाने के बाद खिलाड़ियों पर ध्यान देती हैं, जबकि दिल्ली सरकार अपने होनहार खिलाड़ियों के संघर्ष के समय उनकी जरूरतों को पूरा कर उन्हें मेडल जीतने लायक बनाने में मदद करती है।

सिसोदिया ने कहा कि इस योजना के तहत दिल्ली सरकार अंडर-14 के खिलाड़ियों को 2 लाख रुपये तथा अंडर-17 के खिलाड़ियों को 3 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान करती है। अंडर-17 के बाद खेल में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सालाना 16 लाख रुपए की आर्थिक मदद करती है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का सपना है कि हर स्टूडेंट किसी एक खेल से जरूर जुड़े। उनका यह भी सपना है कि हर प्रतिभावान खिलाड़ी को सरकार की तरफ से जरूरी सहायता मिले। इसीलिए हमने खिलाड़ियों को मेडल जीतकर लाने लायक बनाने वाली यह अनोखी योजना शुरू की है।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि खेल के माध्यम से देश में एकजुटता आती है। कोई खिलाड़ी जब देश के लिए पदक लाता है तो सारे देश का सर गर्व से उठ जाता है। उल्लेखनीय है दिल्ली सरकार ने राज्य स्तर पर खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के लिए स्कूल के खिलाड़ियों के लिए 'प्ले एंड प्रोग्रेस' योजना चला रखी है। इसमें अंडर-14 से अंडर-17 तक के खिलाड़ियों को आज 2 से 3 लाख रुपये तक की प्रोत्साहित राशि दी गई। इस योजना के तहत क्रिकेट, बैडमिंटन, जूडो, टेनिस व कबड्डी सहित 18 खेलों के खिलाड़ियों को लाभ दिया जाता है। वर्ष 2018-19 में इस योजना के तहत 357 स्कूली खिलाड़ियों को 8.72 करोड़ की प्रोत्साहन राशि दी गई थी।

दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय की स्पोर्ट्स ब्रांच ने बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए खेलकूद को काफी महत्व दिया है। इसके कारण राष्ट्रीय स्कूली खेलों में दिल्ली के स्कूलों को सर्वाधिक मेडल मिलते हैं। वर्ष 2017-18 में 508 गोल्ड, 303 सिल्वर, 273 ब्रॉन्ज, कुल 1084 पदक मिले। वर्ष 2018-19 में 484 गोल्ड, 306 सिल्वर, 286 ब्रॉन्ज, कुल 1076 पदक मिले। वर्ष 2019-20 में 408 गोल्ड, 285 सिल्वर, 302 ब्रॉन्ज, कुल 995 पदक मिले। साथ ही, 'खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2020' थर्ड एडिशन में दिल्ली के खिलाड़ियों ने 39 गोल्ड, 36 सिल्वर, 47 ब्रॉन्ज मैडल लाए।

समारोह में ओलिंपिक विजेता सुशील कुमार के साथ ही एच. राजेंद्र प्रसाद (सचिव, शिक्षा विभाग), उदित प्रकाश (निदेशक, खेल एवं शिक्षा) तथा न्यूट्रिशनिस्ट रूचिका सोढ़ी भी मौजूद थे।

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