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निर्भया के दोषियों ने फांसी से बचने के लिए खटखटाया इंटरनेशनल कोर्ट का दरवाजा, 20 मार्च को मिलनी है सजा

निर्भया के दोषियों ने फांसी से बचने के लिए फिर एक चाल चली है। इस बार निर्भया के चार दोषियों में से तीन ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Mon, 16 Mar 2020 04:08 PM (IST)Updated: Mon, 16 Mar 2020 05:22 PM (IST)
निर्भया के दोषियों ने फांसी से बचने के लिए खटखटाया इंटरनेशनल कोर्ट का दरवाजा, 20 मार्च को मिलनी है सजा
निर्भया के दोषियों ने फांसी से बचने के लिए खटखटाया इंटरनेशनल कोर्ट का दरवाजा, 20 मार्च को मिलनी है सजा

नई दिल्‍ली, एएनआइ। निर्भया के दोषियों ने फांसी से बचने के लिए फिर एक चाल चली है। इस बार निर्भया के चार दोषियों में से तीन ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। फांसी की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है वैसे-वैसे निर्भया के दोषियों में बेचैनी बढ़ती जा रही है। मौत की तारीख नजदीक आते ही एक के बाद एक नई-नई अर्जियां अलग-अलग जगह दाखिल कर ये सभी फांसी पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं। इस बार चार दोषियों में से तीन विनय, पवन और अक्षय ने इंटरनेशनल कोर्ट का रुख किया है।

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कुछ विदेशी संस्‍थाएं इस केस पर लगातार नजर बनाए हुई थीं- एपी सिंह

निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि एनआरआइ और उनकी कुछ संस्‍थाएं इस केस पर लगातार नजर रखीं हुई थीं। संस्‍थाओं ने यह मांग की है कि उन्‍हें इस केस की कापी उन्‍हें दी जाए, जिसे आइसीजे (इंटरनेशल कोर्ट ऑफ जस्‍टिस) के समक्ष रखा जाए ताकि डेथ वारंट पर रोक लगाई जाए। उन्‍होंने कहा कि हम तो भारत की न्‍यायिक व्‍यवस्‍था पर पूरा भरोसा रखते हैं लेकिन उन्‍होंने इसे आइसीजे जाने का निर्णय लिया है।

क्‍या है अंतर्राष्‍ट्रीय न्‍यायालय

अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) को संयुक्त राष्ट्र के चार्टर द्वारा 1945 के जून में बनाया गया था। हालांकि इसने अपना काम 1946 के अप्रैल से करना शुरू किया था। बता दें कि यह संयुक्त राष्ट्र का प्रमुख न्यायिक अंग है। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का मुख्यालय हेग (नीदरलैंड) के शांति पैलेस में स्‍थित है।

कब और कहां होगी फांसी

दिल्‍ली कोर्ट के द्वारा जारी डेथ वारंट के अनुसार इन सभी दोषियों को तिहाड़ जेल में 20 मार्च को फांसी होनी है। फांसी सुबह साढ़े पांच बजे होगी। इससे पहले भी दिल्‍ली की कोर्ट ने इनके मौत के लिए डेथ वारंट जारी किया था। मगर हर बार कानूनी दांव पेंच में फंसा कर ये दोषी अपनी डेथ वारंट को कैंसिल करवा रहे थे। कोर्ट ने इस बार चौथा वारंट जारी किया है जिसके अनुसार 20 मार्च को फांसी होनी है।

यह है ताजा अपडेट

निर्भया के चारों दोषियां ने इससे पहले राष्‍ट्रपति से दया याचिका भेजी थी जिसे राष्‍ट्रपति ने स्‍वीकार नहीं किया था। अब इसके बाद चारों दोषियों के परिजनों ने राष्ट्रपति को लेटर लिखकर इच्छा-मृत्यु दिए जाने की मांग की है।

क्या है मामला

2012 को 16 दिसंबर की वह काली रात दिल्ली में एक घिनौना काम हुआ था जिसने पूरे भारत को हिला कर रख दिया था। चलती बस में एक पैरामेडिकल छात्र के साथ सामूहिक दुष्‍कर्म हुआ जिसमें चार दोषियों मुकेश, पवन, विनय और अक्षय को फांसी की सजा सुनाई गई। इस मामले के बाद दिल्‍ली समेत पूरे देश भर के लगभग हर राज्‍यों में निर्भया के दोषियों को सजा दिलाने के लिए प्रदर्शन हुआ था।

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