2012 Delhi Nirbhaya case: पढ़िए, यूपी के जल्लाद पवन को क्यों मिली पुलिस की ओर से हिदायत
2012 Delhi Nirbhaya case पवन का कहना है कि उसे मेरठ के जेल अफसरों की ओर यह हिदायत दी गई है। अफसरों ने पवन से कहा है कि मीडिया से दूरी बनाओ और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखो।
नई दिल्ली, एजेंसी। 2012 Delhi Nirbhaya case: निर्भया केस में चारों दोषियों पवन, अक्षय, विनय और मुकेश को दिल्ली की तिहाड़ जेल में संभावित फांसी के मद्देनजर यूपी के मेरठ के रहने वाले जल्लाद पवन को लेकर बड़ी खबर आ रही है। बताया जा रहा है कि मेरठ के इस खानदानी जल्लाद को निर्भया केस में फांसी के मुद्दे पर कम बोलने और मीडिया से दूरी बनाने के निर्देश दिए गए हैं। समाचार एजेंसी आइएएनएस के मुताबिक, जेल अधिकारियों की ओर जल्लाद पवन को ज्यादा बात नहीं करने की सलाह और हिदायत दोनों दी गई है। वहीं, पवन के मुताबिक, वह अब मोबाइल फोन और मीडिया से ज्यादा बात नहीं करेंगे। साथ ही पवन ने यह भी कहा कि वह तब तक बात नहीं करेंगे या कम करेंगे, जब तक निर्भया के चारों दोषियों को लेकर फांसी पर अंतिम निर्भय नहीं हो जाता।
पवन का कहना है कि उसे मेरठ के जेल अफसरों की ओर यह हिदायत दी गई है। अफसरों ने पवन से कहा है कि मीडिया से दूरी बनाओ और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखो।
वहीं, खबर आ रही है कि निर्भया कांड के चारों दोषियों को फांसी देने में सबसे आगे जल्लाद पवन का नाम चल रहा है। ऐसे में उसकी सुरक्षा को लेकर उत्तर प्रदेश अब चिंतित हो गई है।
दरअसल, पिछले दिनों हैदराबाद में महिला डॉक्टर के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के आरोपितों के एनकाउंटर के बाद पवन का बयान आया था कि अगर निर्भया के दोषियों को फांसी दे दी गई होती हैदराबाद में डॉक्टर के साथ ऐसी दरिंदगी नहीं होती। इस बयान को मीडिया के जरिये देश के लोगोें ने जाना। इसके बाद पवन कई टेलीविजन न्यूज चैनलों को साक्षात्कार भी दे चुका है।
इसके बाद से उसकी पहचान उजागर होने पर यूपी पुलिस उसकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हो गई है। यही वजह है कि पुलिस ने कई हिदायतों के साथ यह भी कहा है कि वह शहर से बाहर नहीं जाए और भीड़भाड़ भरे बाजारों में तो कतई नहीं जाए।
गौरतलब है कि 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली के वसंत विहार में हुए सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में फांसी की सजा पाए विनय, पवन, अक्षय और मुकेश फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं। पिछले एक सप्ताह से चारों दोषियों को फांसी पर लटकाए जाने को लेकर सूत्रों के हवाले से कई तरह की खबरें आ रही हैं। हालांकि, जानकार मानते हैं कि राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज करने के बाद भी कई कानूनी प्रक्रिया पूरी करनी होगी, जिसके बाद चारों को फांसी के फंदे पर लटकाया जा सकेगा।