Toolkit Matter: आज साइबर सेल में होगी निकिता जैकब और शांतनु मुलूक से पूछताछ
Toolkit Matter दोनों को सोमवार सुबह 11 बजे द्वारका स्थित साइबर सेल के मुख्यालय में पेश होने को कहा गया है। जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि पहले से साइबर सेल के रिमांड पर है। इनसे पहले अलग-अलग फिर आमने सामने बैठाकर पूछताछ की जाएगी।
नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। Toolkit Matter: भारत को बदनाम करने के लिए बनाई गई टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस साइबर सेल सोमवार को दो अहम आरोपित निकिता जैकब व शांतनु मुलुक से पूछताछ करेगी। दोनों को पूछताछ में शामिल होने के लिए नोटिस भेजा गया था। उन्हें सोमवार सुबह 11 बजे द्वारका स्थित साइबर सेल के मुख्यालय में पेश होने को कहा गया है। जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि पहले से साइबर सेल के रिमांड पर है। इनसे पहले अलग-अलग फिर आमने सामने बैठाकर पूछताछ की जाएगी। टूलकिट मामले में गूगल से साइबर सेल को आइपी एड्रेस के बारे में जानकारी मिल गई है। स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के विवादित ट्वीट के बाद अगले दिन बीते पांच फरवरी को साइबर सेल ने गूगल से ईमेल के माध्यम से जानकारी मांगी थी कि टूलकिट किस देश व शहर में तैयार की गई और किस आइपी एड्रेस पर इसे तैयार कर इंटरनेट मीडिया पर डाला गया। जिसपर गूगल ने महाराष्ट्र व कर्नाटक में आइपी एड्रेस के बारे में जानकारी दी है। जांच से जुड़े अधिकारी के मुताबिक ईमेल अकाउंट दूसरे नाम से बनाए गए थे लेकिन उसका इस्तेमाल निकिता, दिशा व शांतनु कर रहे थे।
ज्ञात रहे शनिवार को पटियाला हाउस कोर्ट में पुलिस ने बताया था कि दिशा ने ''इंटरनेशनल फार्मर स्ट्राइक'' नाम से जो वाट्सएप ग्रुप बनाया था, उसमें ग्रुप के सदस्यों से हुई सभी बातचीत को उसने डिलीट कर दिया। मो धालीवाल, अनिता लाल व देश के बाहर बैठे अन्य साजिशकर्ताओं ने देश के खिलाफ खतरनाक साजिश रची। दिल्ली पुलिस ने कहा कि कश्मीर नरसंहार के बारे वेबसाइट में जो लिखा था उसके बारे में जानकारी प्राप्त की जा रही है। टूलकिट में ऐसी सामग्री डालकर लोगों को भ्रमित करने की भूमिका निभाई गई, जिससे माहौल को खराब किया जा सके। लोगों से अपील की गई थी कि वे आंदोलन से जुड़े।
भारत सरकार के खिलाफ आंदोलन का हिस्सा बने। इससे पता चलता है कि भारत सरकार खिलाफ बड़ी साजिश रची गई। पुलिस ने कहा कि दिशा के पास यह अधिकार था कि टूलकिट को संपादित कर सकती थी, लेकिन उसने सभी सुबूतों को जानबूझ कर मिटा दिया। ऐसा करके उसने सुबूतों से छेड़छाड़ की है। इन लोगों की जो योजना थी वह 26 जनवरी को सफल नही हुई। अगर ऐसा होता तो स्थिति भयानक होती। कनाडा का वैंकुवर शहर खालिस्तान मूवमेंट का एक प्रमुख सेंटर है।