Bhima Koregaon Violence Case: डीयू प्रो. डॉ हनी. बाबू के घर की एनआइए ने ली तलाशी
Bhima Koregaon Violence Case डीयू के अंग्रेजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. हनी बाबू के घर की राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने डेढ़ घंटे तक तलाशी ली।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Bhima Koregaon Violence Case: भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के अंग्रेजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. हनी बाबू के घर की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने डेढ़ घंटे तक तलाशी ली। इस दौरान टीम ने कुछ दस्तावेज, कंप्यूटर की हार्ड डिस्क व दो पेन ड्राइव कब्जे में लिए हैं। हनी बाबू की पत्नी डा. जेनी रोवेना ने एनआइए की कार्रवाई की पुष्टि की है।
डीयू के प्रो. डॉ हनी बाबू को भीमा कोरेगांव मामले में 28 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। वह नोएडा के सेक्टर-49 कोतवाली क्षेत्र के सेक्टर-78 स्थित हाइड पार्क सोसायटी के एक फ्लैट में रहते हैं। यहां रविवार की सुबह 7:30 बजे एनआइए की 12 सदस्यीय टीम बिना वर्दी के पहुंची। इसके बाद उनके घर में कंप्यूटर से लेकर दस्तावेज तक खंगाले गए। एनआइए की टीम ने जांच के दौरान सोसायटी के इस टावर में किसी के भी आने-जाने पर रोक लगा रखी थी। बताया जाता है कि जांच के दौरान प्रोफेसर का एक करीबी भी टीम के साथ था। भीमा-कोरेगांव मामले में पिछले वर्ष सितंबर में भी उनके घर महाराष्ट्र की पुणे पुलिस जांच के लिए पहुंची थी। इधर इस मामले में नोएडा पुलिस कुछ बोलने को तैयार नहीं है। कोतवाली सेक्टर-49 पुलिस का कहना है कि जांच के दौरान स्थानीय पुलिस से कोई सहयोग नहीं लिया गया है।
अपराधी नहीं मेरे पति, दो अफसर भी आ सकते थे
एनआइए की 12 सदस्यी टीम द्वारा चलाए गए तलाशी अभियान पर प्रो. हनी बाबू की पत्नी डॉ. जेनी रोवेना ने आपत्ति जताई है। वह डीयू के नॉर्थ कैंपस स्थित मिरांडा हाउस कॉलेज में इंग्लिश की प्रोफेसर हैं। उन्होंने कहा कि उनके पति अपराधी नहीं है। जांच करनी थी तो दो अधिकारी भी घर आ सकते थे, 12 लोगों की आवश्यता नहीं थी। इस कार्रवाई से सातवीं में पढऩे वाली उनकी बेटी व उनके कई दोस्त घबरा गए। पिछले वर्ष से उनके पति और वह खुद जांच में हर संभव सहायता कर रही हैं।
जेनी का आरोप है कि एनआइए की टीम से जब उन्होंने सर्च वारंट मांगा तो वह भी नहीं दिखाया गया। इधर डूटा के अध्यक्ष प्रो राजीब रे और सचिव राजेंदर सिंह ने इस मामले में रविवार को संयुक्त रूप से बयान जारी कर इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि डॉ. हनी और उनकी पत्नी जेनी दोनों, जाति विरोधी गतिविधियों के खिलाफ और डीयू में अकादमिक आजादी के मामलों से जुड़े संघर्ष में डूटा के सदस्य के रूप में शामिल रहे हैं।