Move to Jagran APP

NGT की फटकार, कहा- अवैध डेयरियों पर नहीं हुई कार्रवाई तो निगमों पर जुर्माना

एनजीटी के आदेश के मुताबिक दिल्ली के मुख्य सचिव को अवैध तरीके से चल रही डेयरियों पर एक रिपोर्ट तैयार कर 8 अगस्त तक ट्रिब्यूनल में दायर करनी होगी।

By Monika MinalEdited By: Published: Tue, 21 May 2019 03:57 PM (IST)Updated: Tue, 21 May 2019 03:57 PM (IST)
NGT की फटकार, कहा- अवैध डेयरियों पर नहीं हुई कार्रवाई तो निगमों पर जुर्माना
NGT की फटकार, कहा- अवैध डेयरियों पर नहीं हुई कार्रवाई तो निगमों पर जुर्माना

नई दिल्‍ली [सुशील गंभीर]। राजधानी में अवैध तरीके से चल रही डेयरियों और इनसे पर्यावरण को हो रहे नुकसान पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने संबंधित विभागों को फटकार लगाई है। उसने दक्षिण दिल्ली, पूर्वी दिल्ली और उत्तरी दिल्ली नगर निगम पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (डीपीसीसी) पर भी 10 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है। चारों एजेंसियों को आदेश दिया गया है कि वे जुर्माने के अलावा 10-10 लाख रुपये गारंटी के तौर पर भी जमा कराएं। एनजीटी के आदेश के मुताबिक दिल्ली के मुख्य सचिव को इस संबंध में एक रिपोर्ट तैयार कर 8 अगस्त तक ट्रिब्यूनल में दायर करनी होगी।

loksabha election banner

एनजीटी में एक याचिका दायर कर कहा गया था कि राजधानी के विभिन्न क्षेत्रों में सैकड़ों डेयरियां चल रही हैं। इनके संचालक पर्यावरण, ठोस कचरा निपटान कानून, खाद्य सुरक्षा बिल और बायो मेडिकल कचरा निपटान कानून को ताक पर रखकर काम कर रहे हैं। झड़ौदा, गाजीपुर, भलस्वा, मसूदपुर और इसके साथ लगते क्षेत्रों में इन डेयरियों से इतनी बदबू है कि लोगों को रहना दुश्वार हो गया है। इस याचिका पर एनजीटी ने संबंधित निगमों से जवाब मांगा था। अलग-अलग रिपोर्ट के आधार पर एनजीटी ने कहा कि पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है, लेकिन इसके लिए जिम्मेदार लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ रहा। एक भी संबंधित एजेंसी इस समस्या के समाधान के लिए उचित सुझाव नहीं दे सकी। इससे पता चलता है कि संबंधित विभाग अपनी जिम्मेदारी निभाने के प्रति जागरूक नहीं हैं।

जुर्माने से प्राप्त राशि का इस्तेमाल पर्यावरण सुधार कार्य में होगा

एनजीटी ने सख्त लहजे में कहा कि जब देश की राजधानी दिल्ली में ऐसे हालात हैं तो अन्य क्षेत्रों का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि वहां पर अवैध डेयरियों की रोकथाम के लिए कैसी कार्रवाई होती होगी। एनजीटी ने जुर्माना लगाने के साथ ही निर्देश दिया कि जुर्माने से प्राप्त राशि को पर्यावरण सुधार के कार्यों में इस्तेमाल किया जाए। 

दक्षिणी दिल्ली स्थित नीला हौज झील की खराब हालत पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली विकास प्राधिकरण से जवाब मांगा है। एनजीटी ने पूछा है कि झील को बचाने के लिए क्या प्रयास किए गए हैं, इसकी रिपोर्ट एक माह में दाखिल करें। एनजीटी ने सुझाव दिया है कि झील को बचाने के लिए यहां फेंसिंग की जाए और गंदगी फेंकने पर रोक लगाई जाए। एनजीटी ने इस मामले में कुछ खबरों का संज्ञान लेकर प्राधिकरण को तलब किया है। झील में कचरा फेंका जा रहा है, जिसके चलते हालत खराब होती जा रही है। एनजीटी ने झील को पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए उचित कदम उठाने को कहा है।

खुले में फेंक दिए जाते हैं पशुओं को लगाए जाने वाले इंजेक्शन

एनजीटी के आदेश पर डेयरियों और उनके पास के क्षेत्रों की जांच कराई गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि डेयरी संचालक पशुओं को इंजेक्शन लगाते हैं। इसके बाद इंजेक्शन और कई तरह की दवाओं को खुले में ही फेंक दिया जाता है। ऐसे में बायो मेडिकल कचरे के निपटान के लिए बनाए गए कानून को ठेंगा दिखाया जा रहा है। डेयरी संचालक गोबर और अन्य कचरे का निपटान भी सही ढंग से नहीं कर रहे हैं। इससे इन डेयरियों के आसपास कई क्षेत्रों का भूजल खराब हो रहा है। डेयरी में पशुओं को तंग जगह में रखा जाता है। कई जगह तो हालात ऐसे हैं कि सूरज की रोशनी भी पशुओं तक नहीं पहुंच पाती।

दिल्ली-NCR की ताजा खबरों को पढ़ने के लिए यहां पर करें क्लिक

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.