इलेक्ट्रॉनिक ई-वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट पर NGT सख्त, DPCC से मांगी रिपोर्ट
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति से दिल्ली में चल रहे 5000 इलेक्ट्रॉनिक ई-वेस्ट के खिलाफ एक याचिका पर रिपोर्ट मांगी है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति से दिल्ली में चल रहे 5000 इलेक्ट्रॉनिक ई-वेस्ट के खिलाफ एक याचिका पर रिपोर्ट मांगी है। एक एनजीओ ने दिल्ली और आसपास के इलाकों में चल रहे इलेक्ट्रॉनिक ई-वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट पर एनजीटी का ध्यान आकर्षित कराया है इसी के बाद डीपीसीसी से एनजीटी ने रिपोर्ट की मांग की है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने एक माह में मांगी विस्तृत रिपोर्ट
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की जस्टिस आदर्श कुमार गोयल वाली एक बेंच ने रिपोर्ट को एक महीने के अंदर मांगा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए डीपीसीसी को पूर्वी दिल्ली और उत्तर पूर्वी दिल्ली के जिलाधिकारियों से और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मिलकर काम करने की जरूरत है।
दिल्ली-एनसीआर के इलाकों से जानकारी जुटाने होंगे
गाजियाबाद के जिलाधिकारी से भी मिलकर दिल्ली-गाजियाबाद बार्डर क्षेत्र में चल रहे यूनिट के बारे में जानकारी उपलब्ध कीजिए और विस्तृत जानकारी के साथ एक महीने में रिपोर्ट हमें सौंप दीजिए। ट्रिब्यूनल ने इसकी सुनवाई के लिए अगली तारीख 23 दिसंबर तय की है।
इन इलाकों में चल रही अधिकतर यूनिटें
जानकारी के मुताबिक यह बताया गया है कि अधिकतर यूनिट दिल्ली के सीलमपुर, मुस्तफाबाद, बेहता हाजीपुर और लोनी में चल रही हैं। इस काम में के लिए करीब 5000 अवैध यूनिट लगी हैं।
50 हजार लोग इस धंधे से जुड़े हैं
ये ही ई-वेस्ट का कचरा खरीद कर उन्हें तोड़ती हैं। वहीं इस 5000 यूनिट में करीब 50,000 लोग लगे हैं जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
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