सहेली श्रीदेवी की मौत से आहत BJP सांसद हेमा मालिनी को NGT ने दिया बड़ा झटका
एनजीटी ने सांसद हेमा मालिनी और मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकार को मलबा हटाने का निर्देश दिया है।
नई दिल्ली (प्रेट्र)। सहेली श्रीदेवी की मौत की खबर से आहत भाजपा सांसद हेमामालिनी को नेशनल ग्रीन टिब्यूनल (एनजीटी) ने बड़ा झटका दिया है। एनजीटी ने सांसद हेमा मालिनी और मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकार को मलबा हटाने का निर्देश दिया है। यह निर्देश दो दिवसीय रंगोत्सव की तैयारियों के लिए दिया गया है। एनजीटी ने अपने निर्देश में कहा है कि यमुना के किनारे यदि कोई मलबा है तो उसे हटाया जाना सुनिश्चित किया जाए।
जवाद रहीम की अध्यक्षता वाली पीठ ने मथुरा की सांसद हेमा मालिनी और प्राधिकार को बाढ़ क्षेत्र को कोई नुकसान नहीं पहुंचाने को कहा है। पीठ ने मथुरा में यमुना के बाढ़ क्षेत्र में आयोजित होने जा रहे सांस्कृतिक कार्यक्रम पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका का निपटारा कर दिया।
एनजीटी ने उत्तर प्रदेश सरकार की दलील पर गौर किया। राज्य सरकार ने कहा कि प्रस्तावित स्थल पर होने वाले कार्यक्रम को दूसरी जगह स्थानांतरित किया जा सकता है। राज्य सरकार मथुरा में रंगोत्सव और बरसाना में पारंपरिक लट्ठमार होली आयोजित करने जा रही है।
यहां पर बता दें कि श्रीदेवी की मौत की खबर से आहत भाजपा सांसद हेमामालिनी रविवार (25 फरवरी) को ही मथुरा से दिल्ली गईं और वहां से मुंबई चली गईं।
रसोत्सव कार्यक्रम के निर्देशन के लिए मुंबई से आए नारायण अग्रवाल ने बताया कि हेमामालिनी की मुंबई में दो ही खास सहेली हैं जिनसे उनकी मेल-मुलाकात लगातार बनी रहती है। एक श्रीदेवी और दूसरी बैजयंतीमाला। इन तीनों की जन्मभूमि दक्षिण भारत ही है। संभवतः इस कारण भी मुंबई रहते हुए इन अभिनेत्रियों के बीच सहज अनुराग था।
बताया गया है कि हेमा मालिनी को श्रीदेवी के निधन की खबर शनिवार देर रात ही मिल गई थी। इसके चलते वह वह बेचैन रहीं और सुबह होते ही मथुरा से मुंबई के लिए रवाना हो गईं। उन्होंने बताया कि हेमा ने कुछ स्टेज भी श्रीदेवी के साथ शेयर किए थे।
दिल्ली व हरियाणा सरकार यमुना में प्रदूषण के कारणों का करे निवारण
वहीं, नेशनल ग्रीन टिब्यूनल ने दिल्ली और हरियाणा सरकार को यमुना नदी में प्रदूषण के स्नोतों की पहचान कर जल्द उसका हल निकालने के निर्देश दिया है।
एनजीटी ने केंद्रीय (सीपीसीबी) और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) से कहा है कि वे प्रदूषण के लिए जिम्मेदार औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई करें।
एनजीटी ने कहा कि वैसे तो यह मुद्दा पानी में अमोनिया के ऊंचे स्तर से जुड़ा है। जो दिल्ली जल बोर्ड के जलाशय तक पहुंच रहा है, लेकिन इस मामले में दिल्ली से गुजर रही यमुना नदी के इस हिस्से को भी ठीक से जांचने की जरूरत है।