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दिल्ली के 1 करोड़ से अधिक लोग पीड़ित हैं इस बड़ी 'बीमारी' से, जानिए- इसके लक्षण

सर्वे में यह बात सामने आई है कि 44 फीसद महिलाएं व 57 फीसद पुरुष भरपूर नींद नहीं ले पाते। इससे 26 फीसद लोग प्रत्यक्ष रूप से अनिद्रा की बीमारी से ग्रस्त पाए गए।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 16 Mar 2019 08:07 AM (IST)Updated: Sat, 16 Mar 2019 02:16 PM (IST)
दिल्ली के 1 करोड़ से अधिक लोग पीड़ित हैं इस बड़ी 'बीमारी' से, जानिए- इसके लक्षण
दिल्ली के 1 करोड़ से अधिक लोग पीड़ित हैं इस बड़ी 'बीमारी' से, जानिए- इसके लक्षण

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल] व्यस्त जीवनशैली के बीच लोगों की दिनचर्या प्रभावित हो रही है। रात तक काम करने के कारण लोग देर से सोते हैं। इससे लोग नींद की बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं। मैक्स अस्पताल की ओर से कराए गए सर्वें में यह बात सामने आई है कि दिल्ली में आधे से ज्यादा लोग भरपूर नींद नहीं ले पाते। इसका कारण देर से सोना है। इससे मोटापा व हृदय की बीमारियां बढ़ने का खतरा है।

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डॉक्टरों का कहना है कि स्वास्थ्य के लिए भरपूर नींद जरूरी है। मैक्स अस्पताल ने 1000 लोगों पर यह सर्वे कराया। इसमें 20 से 60 वर्ष की उम्र वाले लोग शामिल हुए। सर्वे में यह बात सामने आई है कि 44 फीसद महिलाएं व 57 फीसद पुरुष भरपूर नींद नहीं ले पाते।

इससे 26 फीसद लोग प्रत्यक्ष रूप से अनिद्रा की बीमारी से ग्रस्त पाए गए। सर्व के आंकड़ों पर गौर करें तो दिल्ली की आबादी 2 करोड़ से अधिक है, ऐसे में 1 करोड़ लोग अनिंद्रा के दोषी हैं और ये सभी स्वास्थ्य के लिहाज से खतरे की जद में है। 

बढ़ रही है दिल के रोगियों की संख्या

मैक्स अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के चेयरमैन डॉ. केके तलवार ने बताया कि महानगरों में हृदय की बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है। इसका कारण गलत खानपान व व्यायाम नहीं करना तो है ही, पूरी जीवनशैली ही तनावपूर्ण है। इससे युवा धूमपान व अल्कोहल के इस्तेमाल के प्रति आकर्षित हो रहे हैं। ठीक से नींद नहीं ले पाने, अधिक तनाव, धूमपान व अल्कोहल के इस्तेमाल से हृदय की बीमारियां होने का खतरा रहता है।

60 फीसद लोगों में घरेलू तनाव की चिंता

जंक फूड के इस्तेमाल व व्यायाम नहीं करने से कॉलेस्ट्रॉल बढ़ने की आशंका रहती है। सर्वे में यह पाया गया है कि 60 फीसद लोगों में तनाव का कारण घरेलू चिंता होती है। 87 फीसद पुरुष व 86 फीसद महिलाओं ने तनाव का कारण कामकाज का दबाव भी बताया। 32 फीसद लोगों ने कहा कि मनोरंजन का अभाव भी मानसिक तनाव का कारण बन रहा है।

5 से 17 साल की उम्र वाले 40 फीसद बच्चे मोटापे से पीड़ित

मैक्स अस्पताल के एक अन्य सर्वे में यह बात सामने आई है कि बच्चों में मोटापे की समस्या बढ़ रही है। पांच से 17 साल की उम्र वाले करीब 40 फीसद बच्चे मोटापे से ग्रसित हैं। मैक्स अस्पताल के मेटाबोलिक व बैरियाट्रिक सर्जरी के चेयरमैन डॉ. प्रदीप चौबे ने कहा कि बच्चे व नवयुवा रात में देर से भोजन करते हैं और देर से सोते हैं, इसलिए कैलोरी बर्न अधिक नहीं कर पाते।

वहीं, दिन में भी जीवनशैली गड़बड़ रहती है, इसलिए दिन में भी बहुत कम कैलोरी बर्न होती है। बच्चे मोबाइल व टीवी पर अधिक समय दे रहे हैं। इसलिए उनमें भावनात्मक व हार्मोनल बदलाव हो रहा है। शरीर में तनाव वाले हार्मोन व स्टेरॉयड अधिक बढ़ने से मोटापे की समस्या बढ़ रही है। 29 फीसद लोगों में मोटापे का कारण नींद न आना, अवसाद व तनाव जैसी बीमारी बन रही हैं।

अपनाएं ये उपाय

  • सबसे पहले आप अपने सोने का एक समय तय करें। इससे आपके शरीर के सोने और उठने का चक्र संतुलित हो जाता है। धीरे-धीरे आपको नींद भी भरपूर आएगी।
  • दिन भर काम करने के बाद अगर आप अपने आराम के क्षणों में भी कंप्यूटर या टीवी से चिपके रहते हैं तो इनसे थोड़ी दूरी बना लें। बेडरूम में टीवी न चलाएं और हो तो सोने से एक घंटे पहले उसे बंद कर दें, जिससे नींद आसानी से आ जाएगी
  • सोने के पहले कंप्यूटर व लैपटॉप पर काम करने से परहेज करना शुरू कर दें, नींद आसानी से आ जाएगी। 
  • सोने से पहले शवासन, वज्रासन, भ्रामरी प्राणायम करे। इन्हें नियमित रूप से करने से अनिद्रा की समस्या से भी छुटकारा मिलेगा और थकान पूरी तरह दूर होगी।

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