New Excise Policy: आखिर Delhi-NCR की एक ही आबकारी नीति क्यों नहीं बनाई जाती?
आखिर दिल्ली-एनसीआर के शहरों में आबकारी के क्षेत्र में सुधारों का साझा एजेंडा क्यों नहीं बनाया जाना चाहिए? तस्करों को कानून का डर दिखाने के लिए क्या किया जाना जरूरी है? इसी की पड़ताल करना हमारा आज का मुद्दा है
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली में नई आबकारी नीति से एक बहस जन्मी है। सरकार ने फैसला किया है कि वह शराब की दुकानें नहीं चलाएगी और इस क्षेत्र से माफिया तत्वों को खत्म किया जाएगा। पता नहीं ऐसा होगा या नहीं, क्योंकि निजी दुकानों पर अगर कोई अवैध शराब रखता है और निरीक्षण करने वाले अधिकारी को भी भ्रष्ट कर देता है तो आप क्या करेंगे? अवैध शराब तो निजी या सरकारी किसी भी दुकान में बेची जा सकती है। ये इस बात पर निर्भर करता है कि कानून व्यवस्था कितनी मजबूत है।
यहां विचार की बात है कि दिल्ली- एनसीआर सरीखे क्षेत्र के लिए क्या एक राज्य का कोई कदम पूरी तरह कारगर हो सकता है। राजस्व किसी राज्य की सबसे बड़ी जरूरत है और हर कोई जानता है कि इसका एक बड़ा हिस्सा आबकारी क्षेत्र से होने वाली आय से आता है। इसीलिए सभी राज्य आबकारी नीति बहुत सख्ती के साथ बनाते हैं। दिल्ली सरकार के कदम के पीछे भी मकसद राजस्व में बढ़ोतरी और शराब तस्करी को खत्म करना बताया गया है, लेकिन अगल-बगल के राज्यों के साथ जब तक नियम-कायदों में समानता नहीं होगी तब तक ऐसे किसी प्रयासों को सफलता मिलना संदिग्ध है।
सवाल यह है कि आखिर दिल्ली-एनसीआर की एक ही आबकारी नीति क्यों नहीं बनाई जाती? जब तक एक नीति नहीं होगी तब तक तस्करी रुकेगी कैसे? और राजस्व के घाटे पर अंकुश किस तरह लगाया जाएगा? अवैध शराब के कारोबार में सरकार को न तो आबकारी कर मिलता है और न ही गुणवत्ता की कोई गारंटी होती है। आखिर दिल्ली-एनसीआर के शहरों में आबकारी के क्षेत्र में सुधारों का साझा एजेंडा क्यों नहीं बनाया जाना चाहिए? तस्करों को कानून का डर दिखाने के लिए क्या किया जाना जरूरी है? इसी की पड़ताल करना हमारा आज का मुद्दा है :
नियंत्रण नीति की निगरानी: राज्य सरकारों की तमाम कोशिशों के बावजूद दिल्ली- एनसीआर में शराब तस्करी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। तस्करों पर लगाम लगाने के लिए नई आबकारी नीति भी बनाई गई है। शराब माफिया के खिलाफ मामले भी दर्ज हो रहे हैं, बावजूद इसके जहरीली शराब के सेवन से लोगों की मौत हो रही है। क्या है राज्यों की आबकारी नीति, इससे कितने राजस्व की होती है प्राप्ति, एक माह में औसतन तस्करी के कितने मामले सामने आते हैं, कितनों पर होती है कार्रवाई जानेंगे आंकड़ों की जुबानी :
दिल्ली में दो साल में हुई कार्रवाई
- 7 लाख 12 हजार 86 बोतल अवैध शराब पकड़ी गई हैं
- 1864 शराब माफिया के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई हैं
- 1939 लोगों को किया गया है गिरफ्तार
- 1000 वाहन किए गए हैं जप्त
- 1 अप्रैल 2019 से 30 मार्च 2020 तक 952 एफआइआर दर्ज हुईं
- 1901.83 बोतल विदेशी शराब, 129965.77 भारत निर्मित, विदेशी शराब
- 273068.77 बोतल देसी शराब पकड़ी गई
- 404935.81 बोतल शराब कुल जब्त की गई
- 1 अप्रैल 2020 से 25 मार्च 2021 तक 923 एफआइआर दर्ज हुईं
- 6967.50 बोतल विदेशी शराब
- 62401.75 बोतल भारत निर्मित, विदेशी शराब
- 237781.75 बोतल देसी शराब पकड़ी गई
- 307150.50 बोतल कुल शराब पकड़ी गई
दिल्ली में होगी शराब की लैब
- 12 जांच टीमें जोड़ी जाएंगी इस लैब से, जिसमें हर जिले पर एक टीम होगी, जो 24 घंटे काम करेगी
- 1 टीम केंद्रीय स्तर की होगी, जो दिल्ली भर में छापेमारी करेगी
- अभी आया है प्रस्ताव। लैब बनाने की लागत, रूपरेखा, नियम व लैब का स्थान नहीं है तय
उप्र की आबकारी नीति
- एक व्यक्ति एक बार में देसी शराब एक लीटर, विदेशी शराब दो लीटर और छह लीटर बीयर ही खरीद सकता है
- हरियाणा की आबकारी नीति
- एक व्यक्ति एक बार में अंग्रेजी शराब की 12 बोतल, बीयर की 12 बोतल और देसी शराब की 6 बोतल खरीद सकता है
दिल्ली की आबकारी नीति
- शराब की दुकानों के बाहर लंबी लाइन नहीं लगेगी
- अवैध दुकानें बंद होंगी
- सरकार शराब की दुकानें नहीं चलाएगी
- जहरीली शराब पर लगाम लगाने के लिए भारत की पहली अंतरराष्ट्रीय जांच लैब बनेगी
- एक व्यक्ति एक पेटी यानी 12 बोतल या 9 लीटर शराब ही खरीद या रख सकता है
गाजियाबाद
- 40 मामले पकड़े जाते हैं औसतन एक माह में जिले में
- 1500 लीटर शराब बरामद होती है एक माह में
- 99 शराब तस्कर आन रिकार्ड चिह्नित हैं
- अन्य राज्यों से वाहनों में शराब लाकर गाजियाबाद में बेचकर अनेक लोग मुनाफा कमा रहे हैं
फरीदाबाद
- 50 मामले सामने आते हैं एक माह में तस्करी के
- 20 हजार लीटर शराब पकड़ी जाती है एक माह में जिले में
नोएडा
- 40 हजार लीटर तस्करी की शराब पकड़ी गई एक साल में
- एक बार में छह लीटर तक शराब खरीद सकते हैं
गुरुग्राम
- 190 मामले दर्ज हुए हैं 2021 में अब तक शराब तस्करी के
- 19466 बोतल अवैध शराब बरामद की है पुलिस ने इस वर्ष अब तक