आम्रपाली अल्ट्रा होम्स दिवालिया होने के कगार पर, 40 हजार निवेशक फंसे
एनसीएलटी ने संजय गुप्ता को इनसॉल्वेंसी रेजॉलूशन प्रोफेशनल (आइआरपी) के तौर पर नियुक्त किया है और बिल्डर को 270 दिनों का समय दिया गया है।
नोएडा (जेएनएन)। नेशनल कंपनी लॉ टिब्यूनल (एनसीएलटी) ने बुधवार को आम्रपाली ग्रुप के अल्ट्रा होम्स के खिलाफ दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया शुरू करने की अर्जी को मंजूरी दे दी है। वहीं निवेशकों का कहना है कि वह एनसीएलटी के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
जानकारों की माने तो इसका असर बिल्डर के अन्य प्रोजेक्ट पर भी पड़ सकता है। साथ ही इस प्रोजेक्ट के हजारों निवेशकों पर भी इसका सीधा असर पड़ेगा। एनसीएलटी ने संजय गुप्ता को इनसॉल्वेंसी रेजॉलूशन प्रोफेशनल (आइआरपी) के तौर पर नियुक्त किया है और बिल्डर को 270 दिनों का समय दिया गया है।
आम्रपाली बायर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण कुमार ने बताया कि जिस तरह एनसीएलटी द्वारा आम्रपाली अल्ट्रा होम्स को दिवालिया घोषित किए जाने की प्रक्रिया शुरू की गई है उससे प्रोजेक्ट करीब 8 हजार निवेशकों के साथ-साथ आम्रपाली के अन्य प्रोजेक्ट के कार्य भी प्रभावित हो सकते हैं। वहीं, कहा जा रहा है कि इससे 40 हजार निवेशकों को इसका असर झेलना पड़ सकता है।
निवेशक इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे। उन्होंने कहा कि अलग-अलग बिल्डर लगातार खुद को दिवालिया घोषित कराने की साजिश कर रहे हैं, इससे की वह निवेशकों का पैसा हजम कर सकें, लेकिन हम लोग ऐसा नहीं होने देंगे और बिल्डर के खिलाफ अपनी लड़ाई लड़ेंगे।
बता दें कि इससे पहले इससे पहले सितंबर में एनसीएलटी ने बैंक ऑफ बड़ौदा की याचिका पर सुनवाई करते हुए आम्रपाली इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ दिवालिया घोषित शुरू करने की अर्जी को मंजूर दे दी थी।
बैंक ने आम्रपाली इंफ्रास्ट्रक्चर पर 97.30 करोड रुपये के लोन पर डिफॉल्ट किया था। बैंक ने 10 अगस्त को एनसीएलटी में एक याचिका दायर की थी।