नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति को दिया निर्देश, प्रदूषण फैलाने वालों पर हो सख्त कार्रवाई
निर्माण सामग्री के अवैध कारोबार और दक्षिण-पूर्व जिले के पुल प्रहलाद पुर गांव बदरपुर मार्केट मेन मथुरा रोड तुगलकाबाद मेट्रो स्टेशन के पास क्रेन जैसे भारी मशीनों के उपयोग से होने वाले प्रदूषण पर कार्रवाई की मांग की गई थी।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दक्षिण-पूर्व जिले में निर्माण सामग्री के अवैध कारोबार और भारी मशीनों के उपयोग से होने वाले प्रदूषण को देखते हुए नेशनल ग्रीन टिब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) को कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति एके गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने डीपीसीसी को कहा कि उल्लंघन करने वालों को नोटिस दिया जाए। एनजीटी ने कहा कि डीपीसीसी को उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए अन्य अधिकारियों के साथ समन्वय में कानून के अनुसार आगे की कार्रवाई करने दिया जाए। डीपीसीसी के वकील ने कहा कि प्रदूषण के नियमों का उल्लंघन पाया गया है और मुआवजे का भी आकलन किया गया है। दिल्ली पुलिस और एसडीएम के साथ समन्वय बनाकर आगे की कार्रवाई होगी।
बंधु मुक्ति मोर्चा द्वारा दायर एक याचिका पर एनजीटी सुनवाई कर रही थी। इसमें निर्माण सामग्री के अवैध कारोबार और दक्षिण-पूर्व जिले के पुल प्रहलाद पुर गांव, बदरपुर मार्केट, मेन मथुरा रोड, तुगलकाबाद मेट्रो स्टेशन के पास क्रेन जैसे भारी मशीनों के उपयोग से होने वाले प्रदूषण पर कार्रवाई की मांग की गई थी।
एनसीआर प्लानिंग बोर्ड में अरावली वन क्षेत्र को लेकर होगा अहम फैसला
अरावली वन क्षेत्र को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 22 अक्टूबर को सुनवाई होनी है। इससे पहले एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की 41वीं बैठक में यह मुद्दा उठाया जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 31 अगस्त को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये हुई बोर्ड की 40वीें बैठक में 2041 के मास्टर प्लान की विकास योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए अरावली वन क्षेत्र को नए सिरे से परिभाषित करने की मांग उठाई थी। इन दिनों अरावली में अवैध रूप से किए गए निर्माणों को तोड़ने का काम चल रहा है। मुख्यमंत्री का कहना था कि जिन जमीनों को विकास योजनाओं में पहले ही शामिल कर लिया गया था, उन्हें अब पंजाब भूमि परीरक्षण एक्ट-1900 के तहत बने कानून में संरक्षित कैसे माना जा सकता है