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North Delhi MCD Budget 2021: चुनावी साल में लोगों को मिलेगी राहत! जानें- बजट अनुमान की बड़ी बातें

North Delhi MCD Budget 2021 उत्तरी दिल्ली नगर निगम के निगमायुक्त संजय गोयल की तरफ से वर्ष 2021-22 के संशोधित बजट अनुमान और वर्ष 2022-23 के बजट अनुमान पेश किया जा रहा है। निगमायुक्त संजय गोयल ने कहा कि संपत्ति कर दरों में कोई वृद्धि नही की गई है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Thu, 25 Nov 2021 01:40 PM (IST)Updated: Thu, 25 Nov 2021 02:00 PM (IST)
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नई दिल्ली [निहाल सिंह]।  उत्तरी दिल्ली नगर निगम के लोगों को निगमायुक्त संजय गोयल ने बड़ी राहत दी है। गोयल ने वर्ष 2021-22 के संशोधित बजट अनुमान और वर्ष 2022-23 के बजट अनुमानों को पेश करते हुए कोई नया कर नहीं लगाया है। हालांकि उन्होंने स्थायी समिति को सुझाव दिया है कि वह संपत्तिकर की सभी श्रेणियों में दो प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ संपत्तिकर के अग्रिम भुगतान पर मिलने वाली छूट को 15 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करने का सुझाव दिया है। क्योंकि निगम की देनदारी में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। बीते वर्ष उत्तरी निगम पर 7523.97 करोड़ थी जो कि अब बढ़कर 8803 करोड़ हो गई है।

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निगमायुक्त ने वर्ष 2021-22 के बजट अनुमान 7727.04 करोड़ से करके 7321.37 करोड़ संशोधित कर दिया। वहीं, वर्ष 2022-23 का बजट घटाकर 5808.24 का अनुमान जताया है। उन्होंने इस वर्ष राजस्व के कई बड़ी परियोजनाओं से करीब चार हजार करोड़ रुपये का राजस्व आने का अनुमान जताया है। इसमें तीन हजार करोड़ तो मिंटो रोड की संपत्ति को आयकर विभाग को देने के साथ सात सौ करोड़ रुपये करोल बाग की प्रस्तावित चार बहुमंजिला पार्किंग से है। इतना ही नहीं तीन आजादपुर, माडल टाउन और कप एंड सोसर योजनाओं पर भी निजी ठेकेदारों के माध्यम से कार्य न कराकर खुद करने का भी निर्णय लिया है। यह परियोजनाएं काफी लंबे समय से प्रस्तावित हैं जिन्हें अभी तक सिरे नहीं चढ़ाया जा सका है।

संजय गोयल ने उम्मीद जताई है कि स्वयं इन परियोजनाओं पर कार्य करने इन्हें पूरा किया जा सके। बाक्स अब सिर्फ आनलाइन भरा जाएगा संपत्तिकरउत्तरी दिल्ली नगर निगम में अब संपत्तिकर निगम कार्यालयों में आफलाइन जमा नहीं होगा। यह पूरी प्रक्रिया आनलाइन होगी। 22 नंवबर से इसे लागू भी कर दिया गया है। जिन लोगों को आनलाइन संपत्तिकर जमा करने में दिक्कत हैं उनकी मदद के लिए निगम 104 दिनों में 104 कैंप का आयोजन करेगी। वहीं, कामन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से भी संपत्तिकर जमा करने में लोगों की सहायता की जाएगी।

प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार को भेजी 714 करोड़ की योजना

राजधानी में प्रदूषण के कारण हो रही परेशानी को देखते हुए उत्तरी निगम ने दिल्ली सरकार से 714 करोड़ की परियोजना की मंजूरी मांगी है। इस योजना को दिल्ली सरकार को भेज दिया गया है। इसमें आने वाले पांच वर्षों में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए खरीदे जाने वाली एंटी स्माग गन, स्वी¨पग मशीन और स्पि्रंकलर खरीदने के लिए फंड देने को कहा है। साथ ही इसके संचालन में आने वाले खर्च को भी इस परियोजना में शामिल किया गया है। निगमायुक्त ने कहा कि चूंकि प्रदूषण बहुत गंभीर समस्या है इसके निदान के लिए निगम ने दिल्ली सरकार को परियोजना भेजकर फंड उपलब्ध कराने को कहा है।

दक्षिणी निगम से 2500 करोड़ का प्रस्ताव

उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने एक बार फिर दक्षिणी निगम पर किराये के रूप में 2500 करोड़ की देनदारी दिखाई है। बीते वर्ष भी यह देनदारी दिखाई गई थी। जिसे निगम ने खारिज कर दिया था। निगमायुक्त ने वर्ष 2022-23 में 5802.26 करोड़ रुपये के राजस्व की उम्मीद जताई है। वर्ष 2021-22 में 2500 करोड़ रुपये का बकाया दक्षिणी निगम पर सिविक सेंटर के किराये के रुप में बकाया दिखाया गया है। जबकि वर्ष 2022-23 के लिए 380 करोड़ रुपये के किराये की मांग की गई है।

उल्लेखनीय है कि सिविक सेंटर के किराये को लेकर दक्षिणी और उत्तरी निगम में काफी विवाद है। समय-समय पर यह विवाद तूल भी पकड़ लेता है। उत्तरी निगम का दावा है कि चूंकि निगम का मुख्यालय सिविक सेंटर उसके अधीन है और उसका मालिकाना हक उसी के पास है तो इसलिए दक्षिणी निगम जो कि अपना कार्यालय भी सिविक सेंटर से चलाता है तो उसे किराये के रुप में इसका भुगतान भी करना चाहिए। उत्तरी निगम ने इसके लिए एक समय पर दक्षिणी निगम के आयुक्त के कार्यालय को भी सील कर दिया था।


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