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Farmers Protest News: 90वें दिन पहुंचा किसान आंदोलन, सिंघु बॉर्डर पर मंच से हो रहीं हिंसा की बातें

Farmers Protest News किसान मजदूर संघर्ष कमेटी (पंजाब) के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने प्रदर्शनकारियों से कहा ‘पुलिस केस दर्ज कर लेगी गिरफ्तार कर लेगी या जेल में बंद कर देगी। इससे ज्यादा पुलिस कुछ नहीं कर सकती।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 23 Feb 2021 08:53 AM (IST)Updated: Tue, 23 Feb 2021 08:58 AM (IST)
Farmers Protest News:  90वें दिन पहुंचा किसान आंदोलन, सिंघु बॉर्डर पर मंच से हो रहीं हिंसा की बातें
किसानों को डराया जा रहा है कि अगर कृषि कानून लागू हो गए तो 80 फीसद लोग आत्महत्या कर लेंगे।

नई दिल्ली/सोनीपत/फरीदाबाद/गाजियाबाद, जागरण न्यूज नेटवर्क। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर दिल्ली-हरियाणा और उत्तर प्रदेश के चारों बॉर्डर (शाहजहांपुर, सिंघु, टीकरी और गाजीपुर) पर किसानों का धरना-प्रदर्शन जारी है। मंगलवार को सिंघु बॉर्डर पर चल रहा किसाना का धरना-प्रदर्शन 90वें दिन में प्रवेश कर गया है। इस बीच सिंघु बॉर्डर पर अब खुलकर हिंसा की बातें होने लगी हैं। नेता अब कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनकारियों को भड़काने में लगे हैं। उनकी बातों से लग रहा है कि उनके लिए प्रदर्शनकारियों की जान की कोई कीमत ही नहीं है। कोई नेता मंच से मरने की बातें करता है तो कोई मारने की। कोई गैंगस्टरों का समर्थन करता है तो कोई उपद्रवियों का। उनकी ओर से खुलेआम पुलिस को चुनौती दी जा रही है कि उपद्रवियों को राष्ट्रीय राजमार्ग एक पर बनाए गए अपने टेंटों में जगह देंगे। उन्हें यहां से कोई गिरफ्तार करके नहीं ले जा सकता। साथ ही प्रदर्शनकारियों को डराया जा रहा है कि अगर कृषि कानून लागू हो गए तो 80 फीसद लोग आत्महत्या कर लेंगे।

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किसान मजदूर संघर्ष कमेटी (पंजाब) के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा, 'पुलिस केस दर्ज कर लेगी, गिरफ्तार कर लेगी या जेल में बंद कर देगी। इससे ज्यादा पुलिस कुछ नहीं कर सकती। केस व गिरफ्तारी से डरोगे तो कभी जीत नहीं पाओगे। सरकार अगर गोली भी मारती है? तो मारने दो, 50-100 लोगों के मरने के बाद भी अगर कानून वापस हो जाते हैं तो क्या गलत है? मौत ही जिंदगी देती है। जो भागता है? उसे ही मौत मिलती है। हम अकेले नहीं मरेंगे। हरियाणा, यूपी बिहार वाले लोग भी हमारे साथ हैं। '

वहीं किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू तो यहां पर अलग-अलग कारणों से मरने वाले प्रदर्शनकारियों को शहीद बताने लगे हैं। उन्होंने कहा कि वह हर कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं। कानून वापस करना अब जिंदगी का मकसद बन चुका है। उन्होंने कहा, 'जेल तो हमारे लिए छोटी चीज है, हम जान देने से भी पीछे नहीं हटेंगे।'

उधर, भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां और पंजाब खेत मजदूर यूनियन की ओर से बरनाला की अनाज मंडी में हुई किसान-मजदूर एकता महारैली में किसानों का दावा है कि इस महारैली में ढाई लाख से अधिक किसान जुटे थे। इस रैली में 27 फरवरी को दिल्ली बॉर्डर पर कूच करने का एलान किया है। ऐसे में माना जा रहा है कि आगामी 27 फरवरी को दिल्ली-एनसीआर के बॉर्डर पर किसानों की संख्या बढ़ सकती है।

वहीं, भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के पंजाब प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां का कहना है कि  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समझ रहे हैं कि पंजाब के किसानों का आंदोलन ठंडा पड़ गया है और किसान अब पहले की तरह उग्र नहीं हैं। 27 फरवरी को दिल्ली बॉर्डर पर जबरदस्त तरीके से किसान मजदूर एकता दिवस मनाया जाएगा।


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