बच्चों के सामने हुआ था मां का सामूहिक दुष्कर्म, 9 साल बाद आई इंसाफ की घड़ी
अदालत ने घर में घुसकर चाकू के बल पर बच्चों के सामने महिला से सामूहिक दुष्कर्म करनेके मामले में चार आरोपितों को दोषी करार दिया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। रोहिणी कोर्ट स्थित उमेद सिंह ग्रेवाल की अदालत ने घर में घुसकर चाकू के बल पर बच्चों के सामने महिला से सामूहिक दुष्कर्म करनेके मामले में चार आरोपितों को दोषी करार दिया है। मामले में दोषियों में शामिल रमजान, शेख जहांगीर, नसीरुद्दीन और शाह आलम ने नौ साल पूर्व बच्चों की गर्दन पर चाकू रखकर महिला से सामूहिक दुष्कर्म किया था, ताकि वे शोर न मचा सकें।
अदालत ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि यह सच है कि पीड़िता के शरीर पर कोई बाहरी या आंतरिक जख्म नहीं पाए गए। चूंकि आरोपितों ने महिला के बच्चे की गर्दन पर चाकू रख रखा था और उनकी हत्या करने की धमकी दे रहा था। ऐसे में बच्चों की जान की परवाह करते हुए कुकृत्य का विरोध नहीं कर सकती है। ऐसे में पीड़िता के शरीर पर जख्मों के नहीं पाए जाने का मतलब यह नहीं है कि उनके साथ वारदात नहीं हुई।
अदालत ने फैसले में यह भी कहा कि चारों आरोपित पीड़िता के घर में लूटपाट करने के मकसद से घुसे थे और उन्होंने सामूहिक दुष्कर्म किया था।
हालांकि पुलिस की जांच में आरोपितों के पास से लूटा गया कोई सामान बरामद नहीं हुआ, लेकिन मामले में पीड़ित की गवाही विश्वसनीय है तो सामानों की बरामदगी नहीं होने से घटना को नकारा नहीं जा सकता है। इस टिप्पणी के साथ अदालत ने बचाव पक्ष के वकील की उस दलील को खारिज कर दिया कि आरोपितों से कोई बरामदगी नहीं हुई। ऐसे में पुलिस ने आरोपितों को फंसाया है।
पीड़िता के साथ बच्चों की गवाही आपस में मेल खाते हैं। ऐसे में चारों आरोपितों को दोषी करार दिया जाता है। मामले की अब अगली सुनवाई में अदालत दोषियों की सजा मुकर्रर करेगी।
पेश मामले में पीड़िता (35) ने मई 2010 में पुलिस में मामला दर्ज कराया था कि वह रात में अपने बेटे व बेटी के साथ घर में थी। तभी चार लोग दरवाजा तोड़कर घर में घुस आए और चाकू के बल पर उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता की शिकायत पर मामला दर्ज कर पुलिस ने जांच के क्रम में चारों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था।
दिल्ली-एनसीआर की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां पर करेें क्लिक