कोरोना के मामले कम होने के बाद एम्स ट्रामा सेंटर में ज्यादातर बेड खाली फिर भी मरीजों को नहीं मिल पा रहा इलाज
ट्रामा सेंटर में कोरोना के 5020 मरीजों का इलाज हुआ है। इनमें से ज्यादातर गंभीर मरीज हैं। इसके साथ-साथ एम्स के मुख्य अस्पताल में हादसा पीडि़तों का भी इलाज जारी रहा लेकिन जनवरी में कोरोना के मामले कम होने के बाद अब एम्स ट्रामा सेंटर में ज्यादातर बेड खाली हैं।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। एम्स ट्रामा सेंटर में कोरोना के 5020 मरीजों का इलाज हुआ है। इनमें से ज्यादातर गंभीर मरीज हैं। इसके साथ-साथ एम्स के मुख्य अस्पताल में हादसा पीडि़तों का भी इलाज जारी रहा लेकिन जनवरी में कोरोना के मामले कम होने के बाद अब एम्स ट्रामा सेंटर में ज्यादातर बेड खाली हैं। यहां अभी सिर्फ 35 कोरोना मरीज भर्ती हैं, जबकि हादसा पीडि़तों के इलाज के लिए एम्स के मुख्य अस्पताल में जगह कम पड़ रही है। इससे प्रतिदिन करीब 40 फीसद हादसा पीडि़त लौटा दिए जाते हैं।
दरअसल, जिस समय एम्स ट्रामा सेंटर को कोविड अस्पताल बनाया गया था। उस समय लाकडाउन के कारण सड़क हादसे व अन्य ट्रामा के मामले बहुत कम हो गए थे। हालांकि, अब हादसे एक बार फिर बढ़ गए हैं। ट्रामा सेंटर में दिल्ली के अलावा एनसीआर के शहरों से भी पीडि़त बेहतर इलाज के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में ट्रामा सेंटर के डाक्टर भी कहने लगे हैं कि अब यहां दोबारा घायलों का इलाज शुरू किया जाना चाहिए।
एम्स के एनसीआइ (राष्ट्रीय कैंसर संस्थान) में भी कैंसर के इलाज की सुविधा दोबारा शुरू कर दी गई है। ट्रामा सेंटर में कुल 265 बेड हैं। इसमें 71 आइसीयू बेड और 194 सामान्य बेड है। ट्रामा सेंटर के आइसीयू में अभी कोरोना के 22 व सामान्य वार्ड में 13 मरीज भर्ती हैं। 230 बेड खाली पड़े हैं। एक वरिष्ठ डाक्टर ने बताया कि हादसा पीडि़तों के इलाज के लिए एम्स के मुख्य अस्पताल में 125 बेड की व्यवस्था की गई, जो ट्रामा सेंटर की तुलना में आधे से भी ज्यादा कम है। एम्स में 200 बेड की क्षमता वाले सर्जिकल ब्लाक सहित कई नवनिर्मित सेंटर खाली पड़े हैं, जहां कोरोना के इलाज की व्यवस्था हो सकती है।
एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने फरवरी के अंत तक ट्रामा सेंटर में हादसा पीडि़तों का इलाज शुरू करने की बात कही थी, लेकिन फिलहाल ऐसी कोई योजना नहीं है। ट्रामा सेंटर के प्रमुख डा. राजेश मल्होत्रा ने कहा कि मुख्य अस्पताल में हादसा पीडि़तों की सर्जरी के लिए पांच आपरेशन थियेटर आरक्षित हैं।
हालांकि, हमारा प्रयास है कि मरीजों को कहीं और स्थानांतरित न करना पड़े। कोरोना के मामले एक माह में दोगुने बढ़ गए हैं। यदि मामले अधिक बढ़ गए तो कोरोना मरीजों के इलाज में परेशानी हो सकती है। इससे ट्रामा सेंटर अभी कोरोना के इलाज से मुक्त नहीं किया जा रहा है। सही समय पर एम्स प्रशासन उचित कदम उठाएगा।