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टीके के लिए दिल्ली के ज्यादातर निजी अस्पतालों को करना होगा 2 महीने का इंतजार

एक मई के बाद टीके के लिए निजी अस्पतालों ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से संपर्क साधना शुरू तो पता चला कि डोज उपलब्ध नहीं है। हालांकि मैक्स और अपोलो जैसे अस्पतालों ने अपने स्तर पर टीके की खरीद कर ली थी लेकिन कई निजी अस्पताल इससे वंचित रह गए।

By Jp YadavEdited By: Published: Thu, 13 May 2021 07:49 AM (IST)Updated: Thu, 13 May 2021 07:49 AM (IST)
टीके के लिए दिल्ली के ज्यादातर निजी अस्पतालों को करना होगा 2 महीने का इंतजार

नई दिल्ली [स्वदेश कुमार]। देश की राजधानी दिल्ली में गत जनवरी में शुरू हुए टीकाकरण अभियान की राह में अब कई रोड़े आ रहे हैं। स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों और फिर 45 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए टीकाकरण अभियान सफलतापूर्वक चला चुके कई निजी अस्पतालों में टीका लगना बंद हो चुका है। एक मई के बाद से इन अस्पतालों को कोरोना रोधी टीके की डोज न तो सरकार से मिल पाई और न ही कंपनी से। कोविशील्ड टीका बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की तरफ से तो साफ कह दिया गया है कि अब दो महीने तक उनकी मांग पूरी नहीं हो पाएगी।

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दरअसल, जनवरी से अप्रैल तक निजी अस्पतालों में 216 टीकाकरण केंद्र चल रहे थे। इन अस्पतालों को टीका जिला प्रशासन की तरफ से मिल रहा था। एक मई से 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों के लिए टीकाकरण शुरू हुआ। लेकिन, इससे पहले कई निजी अस्पताल संचालकों को यह स्पष्ट नहीं किया गया कि उन्हें अब कंपनी से खुद ही टीका खरीदना होगा। यह किस दर पर उन्हें मिलेगी और वह लोगों से कितने पैसे ले सकते हैं। यह भी अंधेरे में ही रहा। 30 अप्रैल को बची हुई डोज भी इन अस्पतालों से जिला प्रशासन ने वापस ले ली।

एक मई के बाद कोविशील्ड टीके की डोज के लिए निजी अस्पतालों ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से संपर्क साधना शुरू तो पता चला कि अब उनके लिए डोज उपलब्ध नहीं है। हालांकि मैक्स और अपोलो जैसे अस्पतालों ने अपने स्तर पर टीके की खरीद कर ली थी, लेकिन गंगाराम सहित निजी अस्पताल इससे वंचित रह गए।

कृष्णानगर स्थित गोयल अस्पताल व यूरोलाजी सेंटर के निदेशक डॉ. अनिल गोयल ने बताया कि उन्होंने टीके के लिए सीरम इंस्टीट्यूट में कई बार बात की। कंपनी के प्रतिनिधि दिनेश गुंडी ने मेल के जरिये जवाब दिया कि पहले हमें केंद्र और राज्य सरकार की मांग पूरी करनी है। इसके बाद निजी अस्पतालों को आपूर्ति शुरू करेंगे। इसमें कम से कम दो महीने का वक्त लगेगा।

श्रीराम अस्पताल के निदेशक डॉ. गौतम सिंह ने कहा कि एक मई से हम लोग कंपनी से इसकी मांग कर रहे हैं, लेकिन टीका उपलब्ध नहीं हो रहा है। इसलिए इसे बंद कर दिया गया है। यमुना विहार स्थित मोरल अस्पताल के प्रबंध निदेशक डा. यूके चौधरी ने बताया कि जिला प्रशासन की तरफ से समय रहते हमें नहीं बताया गया कि टीका खुद खरीदना होगा। अब जब हम लोग इसकी मांग कर रहे हैं तो कंपनी उपलब्ध नहीं करा पा रही है। हमारे यहां कई लोगों को कोविशील्ड की पहली डोज लगी थी। वे अब परेशान हो रहे हैं। आनंद विहार स्थित पुष्पांजलि अस्पताल में 30 अप्रैल तक कोवैक्सीन की डोज लगी थी। यहां भी टीकाकरण बंद हो चुका है।


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