Dhanteras: ज्वेलरी बाजार पर हुई एक हजार करोड़ से अधिक की धनवर्षा, बाजारों में टूटे कोरोना के नियम
धनतेरस पर दिल्ली के ज्वेलरी बाजार पर जमकर धनवर्षा हुई। चांदनी चौक के कूचा महाजनी व दरीबा कलां तथा नई दिल्ली के करोलबाग थोक ज्वेलरी बाजार के साथ ही दिल्ली भर के अन्य ज्वेलरी दुकानों से कुल मिलाकर एक हजार करोड़ रुपये की बिक्री हुई।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। इस धनतेरस पर दिल्ली के ज्वेलरी बाजार पर जमकर धनवर्षा हुई। चांदनी चौक के कूचा महाजनी व दरीबा कलां तथा नई दिल्ली के करोलबाग थोक ज्वेलरी बाजार के साथ ही दिल्ली भर के अन्य ज्वेलरी दुकानों से कुल मिलाकर एक हजार करोड़ रुपये की बिक्री हुई। शगुन के साथ ही शादियों व निवेश के लिए भी लोगों ने ज्वेलरी बाजार का रुख किया। गहनों के साथ ही सोने-चांदी के सिक्के, नोट, मूर्तियां, बर्तन, सजावटी आइटम समेत अन्य धातु निर्मित उत्पाद खरीदे। इससे ज्वेलर्स के चेहरों पर लंबे अर्से बाद रौनक देखी गई।
कोरोना काल के तकरीबन 19 माह बाद दिल्ली के ज्वेलरी बाजारों में पहली बार दोपहर बाद से ही खरीदारों की भीड़ देखी गई। चांदनी चौक स्थित कूचा महाजनी के चेयरमैन योगेश ¨सघल ने कहा कि कई माह बाद यह रौनक देखने को मिली है, क्योंकि कोरोना काल में शादियों का सिलसिला भी थम गया था। अब टली हुई शादियां नवंबर के मध्य से शुरू हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि एक अनुमान के मुताबिक अकेले दिल्ली में धनतेरस के अवसर पर एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री हुई है।
दरीबा व्यापार मंडल के महासचिव मनीष वर्मा ने कहा कि हल्के वजन में आधुनिक डिजाइन की ज्वेलरी की मांग अधिक रहीं। इसी तरह लोग निवेश के लिहाज से बुलियन का भी रुख किया। दिल्ली में हुआ पांच हजार करोड़ रुपये का कारोबार धनतेरस के साथ ही दीपावली की बिक्री से दिल्ली के बाजारों में नई जान आ रही है। चैंबर आफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआइ) का अनुमान है कि दीपावली पर 60 प्रतिशत कारोबार लौट आएगा और कुल कारोबार तकरीबन पांच हजार करोड़ रुपये का हो सकता है।
सीटीआइ के चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि इस साल अप्रैल में लाकडाउन लगा, जिसके चलते छह महीने तक अर्थव्यवस्था पर ब्रेक लगा रहा। धनतेरस व दीपावली के मौके पर ज्वेलरी, इलेक्ट्रानिक्स, इलेक्टि्रकल, मिठाई-नमकीन, ड्राइ फ्रुट्स, क्राकरी, होम फर्निं¨शग, सजावटी सामान, गिफ्ट आइटम, कपड़े, ज्वेलरी, फुटवियर, आटोमोबाइल सेक्टर, फर्नीचर व खिलौने जैसे कई क्षेत्रों में तेजी आई है। चांदनी चौक, सदर बाजार, खारी बावली, भागीरथ प्लेस, चावड़ी बाजार, करोल बाग, कनोट प्लेस, लाजपत नगर, सरोजनी नगर, नेहरू प्लेस, कृष्णा नगर, शाहदरा, लक्ष्मी नगर, कमला नगर, राजौरी गार्डन, पीतमपुरा, रोहिणी, माडल टाउन, रानी बाग, ग्रेटर कैलाश आदि बाजारों में अच्छी खासी भीड़ उमड़ रही है।सीटीआइ महासचिव विष्णु भार्गव और रमेश आहूजा ने कहा कि अभी कोरोना महामारी गई नहीं है। दुकानदार और ग्राहकों को संभलकर रहना होगा।
दीवाली के बाद प्रमुख कारोबारी संगठनों और ट्रेडर्स की एक बैठक बुलाई जाएगी। इसमें आकलन होगा कि त्योहार में किस सेक्टर के कारोबार में उछाल आया और कौन सा क्षेत्र पिछड़ गया। इसकी एक विस्तृत रिपोर्ट बनाकर दिल्ली सरकार को सौंपी जाएगी। 15 नवंबर से वैवाहिक कार्यक्रम भी शुरू हो रहे हैं। इससे भी अर्थव्यवस्था में रौनक लौटने की उम्मीद है।
देशभर में 7500 करोड़ रुपये की बिकी
सोना-चांदी कन्फेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) तथा कैट के ज्वेलरी विंग आल इंडिया ज्वेलर्स एवं गोल्ड स्मिथ फेडरेशन (एआइजीएफ) ने बताया कि धनतेरस पर देश भर में लगभग 15 टन सोने के आभूषणों की बिक्री हुई जो लगभग साढ़े सात हजार करोड़ रुपये के हैं। देश के अन्य राज्यों के अलावा दिल्ली में जहां लगभग एक हजार करोड़ रुपये का व्यापार हुआ, वहीं महाराष्ट्र में लगभग 1500 करोड़, उत्तर प्रदेश में 600 करोड़ तथा दक्षिण भारत में दो हजार करोड़ का स्वर्ण आभूषणों का व्यापार हुआ।