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दिल्ली में कोरोना वायरस के खौफ के बीच अन्य बीमारियां ले रहीं ज्यादा जान

श्मशान घाट चलाने वाले प्रबंधकों के मुताबिक 15-20 सालों में प्रतिदिन इतने शव कभी नहीं आए। निगम बोध घाट के संचालन समिति से जुड़े विशाल मिश्रा ने बताया कि जाड़े के मौसम में अंतिम संस्कार के लिए एक दिन में सर्वाधिक शव 70-75 आने का रिकार्ड हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 12:09 PM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 12:09 PM (IST)
दिल्ली में कोरोना वायरस के खौफ के बीच अन्य बीमारियां ले रहीं ज्यादा जान
ह्दयाघात, बीबी, टीबी व कैंसर जैसी बीमारियों से जान गंवाने वालों की संख्या कोरोना की तुलना में पांच गुना है।

नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। राजधानी दिल्ली में कोरोना के खौफ के बीच अन्य बीमारियां लोगों की जान ज्यादा ले रही हैं। आलम यह है कि ह्दयाघात, उच्च रक्तचाप, टीबी व कैंसर जैसी बीमारियों से जान गंवाने वालों की संख्या कोरोना की तुलना में करीब पांच गुना है। यह बात दिल्ली के निगम बोध घाट पर प्रतिदिन पहुंच रहे शवों के आंकड़ों से सामने आई है। निगम बोध घाट से मिली जानकारी के मुताबिक इन दिनों यहां प्रतिदिन औसतन 100 से ज्यादा शव दाह संस्कार के लिए पहुंच रहे हैं । इसमें यदि 20 शव संक्रमण से जान गंवाने वालों के होते हैं तो 80 लोगों की मौत की वजह अन्य बीमारियां होती है। हालांकि गत वर्षों की तुलना में इस साल ज्यादा शव यहां पहुंच रहे हैं।

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श्मशान घाट चलाने वाले प्रबंधकों के मुताबिक 15-20 सालों में प्रतिदिन इतने शव कभी नहीं आए। निगम बोध घाट के संचालन समिति से जुड़े विशाल मिश्रा ने बताया कि जाड़े के मौसम में अंतिम संस्कार के लिए एक दिन में सर्वाधिक शव 70-75 आने का रिकार्ड हैं। वहीं, इस वर्ष 16 नवंबर को सर्वाधिक 116 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। सुकून की बात यह कि 20 नवंबर को केवल 63 शवों का अंतिम संस्कार हुआ। इसमें कोरोना के मामले 20 से अधिक थे, वहीं दूसरी बीमारियों से दम तोड़ने वालों की संख्या 43 थी। कोरोना और दूसरी बीमारियों से दम तोड़ने वाले शवों को जलाने की अलग-अलग व्यवस्था है। सीएनजी और कुछ घाट कोरोना के लिए अलग से अधिकृत हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक दूसरी बीमारियों के कहर बरपाने के पीछे कोरोना बड़ा कारण हो सकता है। क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अधिकतर बड़े अस्पताल कोविड-19 मरीजों के लिए अधिकृत कर दिए गए हैं। ऐसे में दूसरी बीमारियों के मरीजों के समुचित इलाज में कठिनाई आ रही है। दूसरे, कोरोना संक्रमण के भय से दूसरी बीमारियों से पीडि़त कई मरीज नियमित जांच के लिए अस्पताल जाने से कतरा रहे हैं। पुरानी दिल्ली के सुईवालान के जनरल फिजीशियन संजय ढींगरा कहते हैं कि वायु प्रदूषण भी इस समय जानलेवा बना हुआ है। ऐसे में लोगों को मास्क पहनकर निकलना चाहिए। 

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