दिल्ली में घर बनाना हुआ और आसान, CS के लिए आवेदन के लिए देनी होगी रिपोर्ट
दक्षिणी दिल्ली निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कंप्लीशन सर्टिफिकेट लेने के लिए इज ऑफ डूईंग बिजनेस के तहत यह सहूलियत दी गई है।
नई दिल्ली [निहाल सिंह]। कंप्लीशन सर्टिफिकेट (Compliance certificate) देने के नाम पर आ रही भ्रष्टाचार की शिकायतों पर निगम प्रशासन ने चोट की है। अब कंप्लीशन सर्टिफिकेट के लिए न सिर्फ सभी एजेंसियों को एक साथ बिल्डिंग का निरीक्षण करना होगा, बल्कि उसी दिन रिपोर्ट भी देनी होगी। निरीक्षण के दिन आधी रात तक रिपोर्ट अपलोड नहीं किए जाने पर माना जाएगा कि एजेंसियों को आपत्ति नहीं है। इसके बाद संबंधित साइट को कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाएगा। ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के तहत यह व्यवस्था अब तीनों निगमों में लागू कर दी गई है।
किसी भी संपत्ति के निर्माण के बाद आवेदनकर्ता के आवेदन पर अग्निशमन, दिल्ली जल बोर्ड और बिजली विभाग जैसे विभाग कंप्लीशन सर्टिफिकेट के लिए निरीक्षण करते हैं। यह एजेंसियां अलग-अलग दिन और समय पर निरीक्षण के लिए जाती हैं। इससे भवन स्वामी को परेशानी होती है, बल्कि साइट का कंप्लीशन सर्टिफिकेट लेने में भी देरी होती थी। आरोप लगते थे कि अलग-अलग एजेंसियों के भ्रष्टाचार के चलते लोग इस सर्टिफिकेट को लेने से बचते थे। निगम के मुताबिक, जितनी मात्रा में लोग निर्माण के नक्शे पास कराते हैं, उससे बेहद कम मात्रा में कंप्लीशन सर्टिफिकेट लिए जाते हैं।
वहीं, नियमानुसार किसी भी अधिकृत निर्माण के नक्शे के पास होने के बाद निर्माण कार्य को पूरा होने पर कंप्लीशन सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य होता है। दक्षिणी दिल्ली निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कंप्लीशन सर्टिफिकेट लेने के लिए इज ऑफ डूईंग बिजनेस के तहत यह सहूलियत दी गई है। उन्होंने बताया कि तीनों निगमों में यह आदेश लागू होगा। पिछले ढाई वर्ष में निगमों ने 3838 भवनों का नक्शा मंजूर किया है। इसमें 991 नक्शे एक दिन में मंजूर कर दिए गए थे, जबकि 1588 नक्शे पास करने में एक सप्ताह का समय लगा।