Monsoon Rain 2021: 27 साल में दूसरा सबसे ज्यादा बारिश वाला माह सितंबर
मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 27 वर्षों में इस बार देश के लिए सितंबर दूसरा सबसे ज्यादा बारिश वाला माह साबित हुआ है। इस महीने में 223 मिमी यानी 34 फीसद अधिक बारिश दर्ज की गई है जबकि मासिक सामान्य बारिश का औसत 166.6 मिमी है।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दक्षिण पश्चिम मानसून का देश की अर्थव्यवस्था से गहरा संबंध है। देश की 60 फीसद उपजाऊ जमीन जून से सितंबर के बीच चार महीने के मानसून पर निर्भर रहती है। दक्षिण पश्चिम मानसून का आगमन औपचारिक रूप से पहली जून को होता है और 30 सितंबर को इस सीजन का आखिरी दिन माना जाता है। पहली जून को मौसम विभाग (आइएमडी) के अपडेट पूर्वानुमान से लेकर 30 सितंबर तक की बारिश के आए आंकड़े बताते हैं कि इस बार मानसून सामान्य रहा है। किसी भूभाग को इसने जमकर भिगोया तो कुछ क्षेत्र तरसे भी।
मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 27 वर्षों में इस बार देश के लिए सितंबर दूसरा सबसे ज्यादा बारिश वाला माह साबित हुआ है। इस महीने में 223 मिमी (29 तारीख तक) यानी 34 फीसद अधिक बारिश दर्ज की गई है, जबकि मासिक सामान्य बारिश का औसत 166.6 मिमी है। देश में सितंबर के दौरान अब तक दर्ज की गई 1994 की बारिश के बाद इस बार इस माह में ज्यादा बारिश हुई है।
बंगाल की खाड़ी के ऊपर लगातार कम दबाव वाली प्रणालियों के कारण सितंबर में अधिक बारिश हुई। भारत में मानसून की बारिश 29 सितंबर तक 867.8 मिमी तक पहुंच गई, जबकि सामान्य 877 मिमी थी। 1993 के बाद देश के लिए मासिक बारिश के लिहाज से सबसे अच्छा सितंबर 2019 था, जब भारत में 52 फीसद से अधिक बारिश दर्ज की गई थी। तब 36.9 फीसद अधिक बारिश दर्ज की गई थी, जिसके बाद सितंबर 2019 और 2021 में सबसे अधिक मासिक बारिश हुई है।
सितंबर में बारिश का आल टाइम रिकार्ड
जिस सितंबर में मानसून चलाचली की बेला में होता है, उसी माह की बारिश इस साल दिल्ली में 121 सालों का रिकार्ड तोड़ते- तोड़ते रह गई। महज चार मिमी और बारिश होती तो यह आल टाइम रिकार्ड टूट जाता। लेकिन माह के अंतिम तीन-चार दिनों में ज्यादा बारिश न होने और मौसम के शुष्क रहने से रिकार्ड बनते-बनते रह गया।
सामान्य मानसून
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार जून से लेकर सितंबर के बीच अगर बारिश दीर्घावधि के 96-104 फीसद होती है, तो उसे सामान्य मानसून माना जाता है। या फिर पिछले पचास साल की औसत बारिश, जो वर्तमान में 88 सेमी है। इस औसत के 90 फीसद से कम वर्षा को सूखे की स्थिति माना जाता है जबकि 110 फीसद से अधिक बारिश को अति मानसून की श्रेणी में रखा जाता है।
कहीं कम, कहीं ज्यादा हुई बारिश
बारिश का वितरण पूरे देश में एक सा नहीं रहा है। पूर्वोत्तर और उत्तर-पश्चिम के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश हुई है। इसके अतिरिक्त इस सीजन में लगभग पूरे देश में बारिश का स्तर सामान्य रहा है।