मोदी सरकार की इस योजना से प्रवासी कामगारों को मिलेगी राहत, अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग काम्प्लेक्स को मंजूरी
इस योजना के तहत सरकारी या निजी भूमि पर सिंगल बेडरूम व डबल बेडरूम वाले फ्लैट और चार व छह बेड वाली डोरमेट्री बनाई जाएगी जिसे लोगों को किराये पर दिया जा सकेगा। ऐसी उम्मीद की जानी चाहिए कि यह योजना प्रवासी कामगारों के लिए राहत लेकर आएगी।
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली में प्रवासी कामगारों को किराये पर सस्ते घर उपलब्ध कराने की दिशा में दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने एक कदम और आगे बढ़ाया है, जो स्वागतयोग्य है। उपराज्यपाल की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई डीडीए की बोर्ड बैठक में अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग काम्प्लेक्स बनाने की योजना को मंजूरी दे दी गई है। इसके बाद अब इस योजना को केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय को भेजा जाएगा, जहां से अधिसूचित होने के बाद यह साकार रूप ले लेगी।
सिंगल, डबल बेडरूम और चार व छह बेड वाली डोरमेट्री
इस योजना के तहत सरकारी या निजी भूमि पर सिंगल बेडरूम व डबल बेडरूम वाले फ्लैट और चार व छह बेड वाली डोरमेट्री बनाई जाएगी, जिसे लोगों को किराये पर दिया जा सकेगा। ऐसी उम्मीद की जानी चाहिए कि यह योजना प्रवासी कामगारों के लिए राहत लेकर आएगी।
कामगारों की जेब को भी खासी राहत
राजधानी में दूसरे राज्यों से आकर काम करने वालों को कम किराये पर घर मिलना काफी मुश्किल होता है, जिसकी वजह से उन्हें खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार ये कामगार दिल्ली में रह भी नहीं पाते हैं और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के शहरों में रहकर दिल्ली में रोज काम करने आते हैं। ऐसे में यह उम्मीद की जानी चाहिए कि डीडीए की अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग काम्प्लेक्स बनाने की योजना इनके लिए लाभदायक साबित होगी और इससे इन कामगारों की जेब को भी खासी राहत मिलेगी।
ये होंगे लाभ
केंद्र सरकार से अधिसूचित होने के बाद डीडीए को जल्द से जल्द इस योजना पर काम शुरू करना चाहिए, ताकि शीघ्र ही इसका लाभ अधिकाधिक लोगों को मिल सके। इसके साथ ही डीडीए को इस तरह की अन्य योजनाओं पर भी काम करना चाहिए, जिनसे प्रवासी कामगारों को उनके कार्यस्थल के आसपास ही किराये के मकान उपलब्ध कराए जा सकें। इससे कामगारों की उत्पादकता बढ़ाने में तो मदद मिलेगी ही, उन्हें कार्यस्थल तक आने-जाने में अपनी जेब भी कम ढीली करनी पड़ेगी।