Move to Jagran APP

निजी कंपनी के नाम पर मर्सिडीज कार कराई फाइनेंस, फिर हटाया कंपनी का नाम और कर दिया खेल, पढ़िए ठग की पूरी कहानी

आरोपित फर्जी कागजात तैयार करवाकर कारों के पंजीकरण प्रमाणपत्र से फाइनेंस कंपनी का नाम हटाकर उन्हें बेच देता था। मुकदमा दर्ज होने पर आरोपित दो साल से भूमिगत था। अदालत ने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 12:43 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 12:43 PM (IST)
निजी कंपनी के नाम पर मर्सिडीज कार कराई फाइनेंस, फिर हटाया कंपनी का नाम और कर दिया खेल, पढ़िए ठग की पूरी कहानी
आर्थिक अपराध शाखा की संयुक्त आयुक्त छाया शर्मा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित प्रमोद सिंह है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। निजी कंपनी से पांच मर्सिडीज बेंज कार फाइनेंस करवाकर बेचने वाले आरोपित को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है। उसने कंपनी को 2.18 करोड़ का चूना लगाया था। फर्जी कागजात तैयार करवाकर कारों के पंजीकरण प्रमाणपत्र से फाइनेंस कंपनी का नाम हटाकर उन्हें बेच देता था। मुकदमा दर्ज होने पर आरोपित दो साल से भूमिगत था। अदालत ने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। आर्थिक अपराध शाखा की संयुक्त आयुक्त छाया शर्मा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित प्रमोद सिंह है। वह गुरुग्राम के लक्ष्मण विहार का रहने वाला है।

loksabha election banner

2018 में मेसर्स डेमलर फाइनेंशियल सर्विसेज इंडिया कंपनी ने आर्थिक अपराध शाखा में धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े की शिकायत की थी। बताया गया कि कंपनी का पंजीकृत कार्यालय चेन्नई में है और टी एंड टी मोटर्स लिमिटेड मोहन को-ऑपरेटिव इंडस्टि्रयल एस्टेट नई दिल्ली (मर्सिडीज-बेंज कार का शोरूम) में उसका डीलरशिप कार्यालय है। कंपनी वित्तीय सेवाएं प्रदान करती है। प्रमोद सिंह ने उनकी कंपनी से मर्सिडीज-बेंज खरीदने के लिए पहले 27.5 लाख का लोन लिया था। उसने शुरू में किस्तों का भुगतान किया। विश्वास हो जाने पर उसने चार और मर्सिडीज-बेंज खरीदने के लिए लोन लिए। कुछ किस्तें देने के बाद उसने भुगतान करना बंद कर दिया। उस पर कंपनी का कुल बकाया 2.18 करोड़ रुपये है।

आरोपी ने तीन साल में पांच मर्सिडीज बेंज कारें खरीदीं। कारें फाइनेंस कंपनी से लोन लेकर खरीदी गईं। लोन में ली गई कारों को बेचने के लिए कंपनी से एनओसी भी ली गई। 24 जनवरी को पुलिस टीम को प्रमोद के गुरुग्राम में होने की जानकारी मिली, जिसके बाद डीसीपी राजीव रंजन के नेतृत्व में पुलिस टीम ने उसे पकड़ लिया। प्रमोद के पिता भूतपूर्व सैनिक हैं। उसने 12वीं तक पढ़ाई करने के बाद आईटीआई डिप्लोमा किया। वह गुरुग्राम के कॉल सेंटरों में अपनी गाडि़यां लगाता था। उक्त कारोबार में घाटा होने पर उसने फर्जी कागजात बनाकर धोखाधड़ी करना शुरू कर दिया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.