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NSD में नाटकों के महाकुंभ की अमोल पालेकर के 'कसूर' से हुई शुरूआत, 21 दिन तक चलेगा कार्यक्रम

इस साल 21 दिन तक चलने वाले महोत्सव र्में हिंदी अंग्रेजी सहित प्रादेशिक भाषाओं में नाटक मंचित किए जाएंगे वहीं 10 विदेशी भाषाओं में नाटक भी प्रदर्शित किए जाएंगे।

By Neel RajputEdited By: Published: Sun, 02 Feb 2020 09:57 AM (IST)Updated: Sun, 02 Feb 2020 09:57 AM (IST)
NSD में नाटकों के महाकुंभ की अमोल पालेकर के 'कसूर' से हुई शुरूआत, 21 दिन तक चलेगा कार्यक्रम

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। नाट्य प्रेमियों के लिए शनिवार से राजधानी में नाटकों का महाकुंभ शुरू हुआ। 21 वें संस्करण की शुरुआत प्रसिद्ध अभिनेता अमोल पालेकर के कसूर नाटक से हुई। नाटक से पहले उद्घाटन समारोह मंडी हाउस स्थित कमानी सभागार में संपन्न किया गया। जिसकी शुरुआत दक्षिण भारत के भक्ति संगीत पंचवाद्यम की प्रस्तुति के साथ हुई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर प्रख्यात रंगकर्मी और गायक प्रो. विदुषी रीता गांगुली, विशिष्ट अतिथि के तौर पर रंगकर्मी एवं फिल्मी हस्ती डॉ.मोहन अगाशे तथा विशेष अतिथि के तौर पर भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव आईआरएस निरुपमा कोत्रू के अलावा अन्य अतिथि मौजूद थे।

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राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के प्रभारी निदेशक प्रो. सुरेश शर्मा ने कहा कि भारत रंग महोत्सव ने वर्षों से दुनिया भर से कई उत्कृष्ट कृतियों को प्रस्तुत किया है। इसका उद्देश्य क्षेत्रीय और उत्तर आधुनिक रंगकर्म की कृतियों को व्यापक दर्शक वर्ग तक पहुंचाना है। हमें रंगकर्म एवं नाटकों के महत्व को उजागर करने तथा मंचीय कला विभिन्न रूपों की सराहना की संस्कृति को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि इस साल 21 दिन तक चलने वाले महोत्सव र्में हिंदी, अंग्रेजी, सहित प्रादेशिक भाषाओं में नाटक मंचित किए जाएंगे, वहीं 10 विदेशी भाषाओं में नाटक भी प्रदर्शित किए जाएंगे। इसमें अमेरिका से दो, रूस से दो, बांग्लादेश से दो, श्रीलंका से एक, चेक गणराज्य से एक और नेपाल से दो नाटक शामिल हैं।

सुरेश शर्मा ने बताया कि इस बार संवाद पर भी जोर रहेगा। इसलिए ओपन फोरम का भी आयोजन किया जा रहा है जहां रंगमंच प्रेमी अपने मन की बात कह सकेंगे। इसके अलावा थियेटर बाजार भी लगेगा जहां थियेटर से जुड़ी तकनीक, यंत्र से लोग रूबरू हो सकेंगे।

नाटकों की एंट्री के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि देश भर से 795 नाटकों ने आवेदन किया था, वहीं विदेश से 71 नाटकों की स्क्रीनिंग की गई थी, जिसमें 101 नाटकों का चयन किया गया है। प्रादेशिक भाषाओं में इस बार गुजराती, मलयालम, कन्नड़, मराठी, ओड़िया, मणिपुरी, असमिया, मैथिली, मालवी, राजस्थानी, छत्तीसगढ़ी, बुंदेली, अवधी, तमिल, मराठी, कोंकणी, बहुभाषी और गैर मौखिक नाटकों की प्रस्तुति होगी। कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि रीता गांगुली ने कहा, कि उनको मिलने वाले हर सम्मान का श्रेय स्वर्गीय इब्राहिम अल्काजी को मिलना चाहिए।

एनएसडी से निकले सभी कलाकार अद्भुत हैं और आगे भी ऐसे ही निकलेंगे। दर्शकों ने कसूर को काफी पसंद किया। इसमें अमोल पालेकर ने सेवानिवृत्त एसीपी दंडवते का किरदार निभाया।


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