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डीएसजीएमसी के नवनिर्वाचित सदस्यों की जल्द बुलाई जाएगी बैठक

दिल्ली के पंजीकृत गुरुद्वारा सिंह सभा के अध्यक्षों में से दो नामित सदस्यों का चुनाव लाटरी से होता है। पिछले दिनों गुरुद्वारा निदेशालय ने गुरुद्वारा सिंह सभा सफदरजंग एन्क्लेव के अध्यक्ष मोहिंदर सिंह को नामित सदस्य घोषित किया था।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 03 Nov 2021 04:01 PM (IST)Updated: Wed, 03 Nov 2021 04:03 PM (IST)
डीएसजीएमसी के नवनिर्वाचित सदस्यों की जल्द बुलाई जाएगी बैठक
गुरुद्वारा सिंह सभा के अध्यक्षों में से दो नामित सदस्यों का चुनाव लाटरी से होता है।

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। लाटरी से चुने जाने वाले दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के दूसरे नामित सदस्य को लेकर अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं है। बताया जा रहा है कि जल्द ही इसे लेकर डीएसजीएमसी के नवनिर्वाचित सदस्यों की बैठक बुलाई जाएगी। दिल्ली के पंजीकृत गुरुद्वारा सिंह सभा के अध्यक्षों में से दो नामित सदस्यों का चुनाव लाटरी से होता है। पिछले दिनों गुरुद्वारा निदेशालय ने गुरुद्वारा सिंह सभा सफदरजंग एन्क्लेव के अध्यक्ष मोहिंदर सिंह को नामित सदस्य घोषित किया था।

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लाटरी से निकाले गए पांच नामों में नहीं बन सकी थी सहमति

नामित सदस्यों के चुनाव के लिए नौ सितंबर को संगत द्वारा चुने हुए सदस्यों की बैठक बुलाई गई थी। उस दिन गुरुद्वारा निदेशालय द्वारा जारी पंजीकृत गुरुद्वारा सिंह सभा के अध्यक्षों के नाम की सूची पर आपत्ति होने पर 24 सितंबर को फिर से बैठक बुलाई गई थी। उस दिन लाटरी से पांच नाम निकाले गए, लेकिन सहमति नहीं बन सकी थी।

पांच नामाें में से चार की हो गई थी मौत

सदस्यों का आरोप था कि लाटरी से निकाले गए पांच नामों में से चार की मौत हो चुकी है। निदेशालय ने इन सभी नामों का सत्यापन कराने के बाद पिछले दिनों मोहिंदर सिंह को नामित सदस्य घोषित कर दिया है। बताया जा रहा है कि अन्य नामों का सत्यापन नहीं हो सका है, इसलिए एक बार फिर से बैठक बुलाकर एक सदस्य का नाम लाटरी से निकाला जाएगा।

मनजिंदर सिंह सिरसा का मामला अदालत में

वहीं, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) द्वारा डीएसजीएमसी में मनोनीत सदस्य का मामला अदालत में लंबित है। एसजीपीसी ने मनजिंदर सिंह सिरसा को अपना सदस्य मनोनीत किया है, लेकिन पंजाबी ज्ञान नहीं होने के आधार पर गुरुद्वारा निदेशालय ने उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया है। सिरसा इस मामले को अदालत में चुनौती दिए हैं। अदालत का फैसला आने के बाद डीएसजीएमसी की कार्यकारिणी का गठन होगा।


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