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मैकेनिकल इंजीनियर यमुनापार से पूरी दुनिया में चला रहा था आनलाइन सट्टा, रकम देखकर पुलिस भी रह गई हैरान

आरोपित की पहचान आइपी एक्सटेंशन के गणेश अपार्टमेंट निवासी संजीव राठौर के रूप में हुई है। पुलिस ने इसके घर से 3.50 करोड़ रुपये बरामद किए हैं। पुलिस का दावा है पहली बार देश में किसी सट्टेजाब से इतनी बड़ी रकम बरामद हुई है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 15 Jun 2021 09:27 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jun 2021 09:27 PM (IST)
मैकेनिकल इंजीनियर यमुनापार से पूरी दुनिया में चला रहा था आनलाइन सट्टा, रकम देखकर पुलिस भी रह गई हैरान
पुलिस ने आरोपित के पास से बरामद किए 3.50 करोड़ रुपये

नई दिल्ली, शुजाउद्दीन। पूर्वी जिले के स्पेशल स्टाफ ने एक मैकेनिकल इंजीनियर को गिरफ्तार किया है, जो यमुनापार में बैठकर विश्व में आनलाइन सट्टा चला रहा था। आरोपित की पहचान आइपी एक्सटेंशन के गणेश अपार्टमेंट निवासी संजीव राठौर के रूप में हुई है। पुलिस ने इसके घर से 3.50 करोड़ रुपये बरामद किए हैं। पुलिस का दावा है पहली बार देश में किसी सट्टेजाब से इतनी बड़ी रकम बरामद हुई है।

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इस तरह चल रहा था पूरा खेल

आरोपित सट्टा लगाने वालों को एप के जरिये यूजर आइडी और पासवर्ड उपलब्ध करवाता था। इसके बदले में वह अपना दो फीसद हिस्सा लेता था। पुलिस ने रकम की सूचना आयकर विभाग को भी दी है। पुलिस इसके बाकी साथियों के बारे में पता लगा रही है।

काफी वक्त से पकड़ने के लिए लगी थी टीम

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्पेशल स्टाफ काफी वक्त से सट्टेबाजों की धरपकड़ में लगा हुआ था। एसीपी वेद प्रकाश के नेतृत्व में इंस्पेक्टर सत्येंद्र खारी की टीम को जानकारी मिली कि आइपी एक्सटेंशन की पाश काॅलोनी में आनलाइन बड़ा सट्टा चलाता है।

घर से बरामद हुई रकम

पुलिस ने अपार्टमेंट में पहुंचकर आरोपित को दबोच लिया। इसके घर से सट्टे की रकम भी बरामद कर ली। जांच में पुलिस को पता चला आरोपित अपनी सोसायटी में इज्जतदार बनकर रह रहा था। आरोपित ने कर्नाटक से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की हुई है। शातिर तरीके से सट्टा खिलवा रहा था।

सट्टे के लिए एप डाउनलोड करवाता था

पुलिस को पता चला आरोपित मोबाइल एप के जरिये सट्टा खिलवाता था। वह लोगों से स्काई, आइस, गोल्ड या डायमंड जैसे एप को डाउनलोड करवाता था। सट्टा खेलने वाले को नुकसान होगा या घाटा इससे इसको कोई लेना देना नहीं था, यह बुक की गई रकम का दो फीसदी लेता था। नकद रकम घर पर ही मंगवाता था। रकम मिलने पर सट्टा खेलने वाले को यूजर आइडी और पासवर्ड उपलब्ध करवाता था। सट्टा आनलाइन होने की वजह से लोगों को पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों का डर भी नहीं रहता था। यह विश्व में किसी को भी एप के जरिये सट्टा खिलवा देता था। आरोपित एप के अलावा रगबी, फुटबाल, टेनिस व दूसरे खेलों पर भी सट्टा लगवाता था।


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