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20 साल में सिरे नहीं चढ़ी योजना तो निगम ने पट्टे पर दे दी जमीन, ये है विवाद

पुरानी दिल्ली के नावेल्टी सिनेमा की जिस भूमि को पट्टे पर देने को लेकर विवाद खड़ा हुआ है। उसे विकसित करने की योजना 20 साल में भी सिरे नहीं चढ़ सकी। इसके बाद थक हार कर निगम ने अब भूमि को पट्टे पर देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Mon, 16 Aug 2021 04:18 PM (IST)Updated: Mon, 16 Aug 2021 04:18 PM (IST)
20 साल में सिरे नहीं चढ़ी योजना तो निगम ने पट्टे पर दे दी जमीन, ये है विवाद
सिनेमाहाल की इसी भूमि को पट्टे पर दिए जाने से अब विवाद खड़ा हो गया है ’ जागरण

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पुरानी दिल्ली के नावेल्टी सिनेमा की जिस भूमि को पट्टे पर देने को लेकर विवाद खड़ा हुआ है। उसे विकसित करने की योजना 20 साल में भी सिरे नहीं चढ़ सकी। इसके बाद थक हार कर निगम ने अब भूमि को पट्टे पर देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इस पर आप सस्ते दाम में जमीन देने का आरोप लगा रही है, जबकि भाजपा का कहना है कि सर्किल रेट से तीन गुना दाम पर 99 वर्ष के लिए जमीन को पट्टे पर दिया गया है। इतना ही नहीं सालाना इससे करीब 88 लाख रुपये का राजस्व भी आएगा।

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दरअसल, 1930 में बना नावेल्टी सिनेमा पुरानी दिल्ली के मशहूर सिनेमा घरों में से एक था। वर्ष 2000 में विजय नारायण सेठ से पट्टे की अवधि खत्म होने के बाद निगम ने अधिग्रहण किया था। शुरुआत में इस पर निजी भागीदारी के माध्यम से सिनेमाघर व शापिंग कांप्लेक्स बनाने की बात निगम ने रखी। वर्ष 2012 में जब दिल्ली नगर निगम को तीन हिस्सों में विभाजित कर दिया गया तो यह 1157 वर्ग मीटर की भूमि बना पुराना नावेल्टी उत्तरी निगम के हिस्से में आ गया। वर्ष 2012 में इस भूमि पर मसाला मार्केट बनाने की बात भी हुई। दोनों योजनाएं सिरे नहीं चढ़ सकीं। इस पर बीते वर्ष निगम ने यहां पर पार्किंग कम शापिंग कांप्लेक्स बनाने का विचार किया था, जो कि खराब आर्थिक स्थिति के चलते सफल नहीं हो पाया।

इसी वर्ष जुलाई माह में फिर निगम ने इस स्थान को ई-निविदा के जरिये पट्टे पर देने का प्रस्ताव स्थायी समिति के सामने रखा। उस बैठक में इस प्रस्ताव को स्थगित कर दिया गया था, लेकिन 11 अगस्त को हुई बैठक में इसे 34.75 करोड़ में 99 वर्ष के लिए पट्टे पर देने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया।

निगम से सुस्ती

पिछले वर्ष ही ध्वस्त की थी निगम ने इमारत

नावेल्टी सिनेमा की पुरानी इमारत को जर्जर होने की वजह से निगम ने जनवरी 2020 में ही ध्वस्त किया था। इस इमारत के ध्वस्त होने के बाद यहां बस पुराने सिनेमाघरों की यादें ही रह गई हैं। नहीं तो चांदनी चौक के पास जुबली सिनेमाघर, चावड़ी बाजार मेट्रो स्टेशन के पास न्यू अमर नाम का सिनेमाघर था। जुबली को करीब 25 साल पहले ध्वस्त कर दिया गया था, जबकि चावड़ी बाजार मेट्रो के लिए रास्ता बनाने के समय न्यू अमर सिनेमा को ध्वस्त कर दिया गया था।

ये है विवाद

आप नेता सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया था कि निगम ने इस संपत्ति को मात्र 34.75 करोड़ में बेच दिया है, जबकि इसकी कीमत 300 करोड़ तक है। हालांकि, भाजपा ने आरोपों का खंडन करते हुए सर्किल रेट से तीन गुणा ज्यादा दाम पर इसे पट्टे पर देने की बात कही है। साथ ही स्पष्ट किया कि 1157 में 50 फीसद भूमि पर ही निर्माण किया जा सकेगा।


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