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ठगी के मामले में फरार चल रहा MBBS डॉक्टर गिरफ्तार, फर्जी मे‌डिकल रिपोर्ट पर 50 कैदियों को दिलाई जमानत

दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने ठगी के मामले में फरार चल रहे एमबीबीएस डाक्टर गजेंद्र नय्यर (65) को गिरफ्तार किया है। आरोपित पर ठगी के अलग-अलग मुकदमे दर्ज हैं। फर्जी मे‌डिकल रिपोर्ट के आधार पर 50 से ज्यादा कैदियों को अदालत से जमानत दिलाने के मामले में शामिल रहा है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Fri, 26 Mar 2021 07:23 PM (IST)Updated: Fri, 26 Mar 2021 07:23 PM (IST)
ठगी के मामले में फरार चल रहा MBBS डॉक्टर गिरफ्तार, फर्जी मे‌डिकल रिपोर्ट पर 50 कैदियों को दिलाई जमानत
ठगी के मामले में फरार चल रहे एमबीबीएस डाक्टर गजेंद्र नय्यर (65) को गिरफ्तार किया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने ठगी के मामले में फरार चल रहे एमबीबीएस डाक्टर गजेंद्र नय्यर (65) को गिरफ्तार किया है। आरोपित पर ठगी के अलग-अलग मुकदमे दर्ज हैं। वहीं, वह फर्जी मे‌डिकल रिपोर्ट के आधार पर 50 से ज्यादा कैदियों को अदालत से जमानत दिलाने के मामले में शामिल रहा है।

पुलिस इस गिरोह के अन्य लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। लेकिन आरोपित डाक्टर जमानत मिलने के बाद ही फरार था। फिलहाल पुलिस आरोपित से पूछताछ कर रही है।

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क्राइम ब्रांच के डीसीपी भीष्म सिंह ने बताया कि द्वारका विंटर हिल्स अपार्टमेंट निवासी डाक्टर गजेंद्र नय्यर के खिलाफ वर्ष 2011 में प्रशांत विहार थाने में धोखाधड़ी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। डाक्टर फर्जी मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर अपराधियों को जमानत दिलाने वाले गिरोह में शामिल था।

यही नहीं वह फर्जी मेडिकल रिपोर्ट पर 50 से ज्यादा कैदियों को अदालत से जमानत भी दिला चुका है। इस मामले में हाई कोर्ट के निर्देश पर गत वर्ष आरोपित के खिलाफ धोखाधड़ी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। गिरफ्तारी के बाद डाक्टर जमानत पर बाहर आने के बाद से ही फरार हो गया था।

पुलिस की टीम भगोड़े की तलाश में लगी हुई थी। इसी बीच पता चलने पर इंस्पेक्टर शिव दर्शन की टीम ने 24 मार्च को आरोपित डॉक्टर के बारे में सूचना मिली थी। जिसके बाद इंस्पेक्टर शिव दर्शन की टीम ने द्वारका इलाके से डाक्टर गजेंद्र नय्यर को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि डाक्टर ने मौलाना आजाद मेडिकल कालेज से एमबीबीएस की पढ़ाई की है। उसपर वर्ष 2008 में आरके पुरम थाना, वर्ष 2011 में प्रशांत विहार थाना और गत वर्ष क्राइम ब्रांच थाने में धोखाधड़ी के अलग मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था।


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