उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर ने कहा- रानी झांसी फ्लाईओवर के निर्माण में बचाए 400 करोड़ रुपये
सिविक सेंटर में प्रेसवार्ता करते हुए जय प्रकाश ने कहा आप प्रवक्ता रानी झांसी फ्लाईओवर में घोटाले और इसके पूरा होने में हुई देरी पर सवाल उठा रहे हैं। इस मामले में कोई घोटाला नहीं हुआ है बल्कि 411 करोड़ रुपये की बचत हुई।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। रानी झांसी फ्लाईओवर में लगातार आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के आरोपों का सामना कर रहे उत्तरी दिल्ली नगर निगम (North Delhi Municipal Corporation) ने सफाई दी है। NDMC के महापौर जय प्रकाश ने कहा कि इसमें कोई अनियमितता नहीं हुई, बल्कि इस परियोजना में 400 करोड़ से ज्यादा की बचत हुई है। हालांकि, परियोजना में देरी के लिए महापौर ने पूर्व में दिल्ली की कांग्रेस और आप सरकार को जिम्मेदार ठहराया। आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने इस परियोजना में कोई सहयोग नहीं दिया, जिसकी वजह से इसे पूरा करने में लंबा समय लगा। सिविक सेंटर में प्रेसवार्ता करते हुए जय प्रकाश ने कहा आप प्रवक्ता रानी झांसी फ्लाईओवर में घोटाले और इसके पूरा होने में हुई देरी पर सवाल उठा रहे हैं। इस मामले में कोई घोटाला नहीं हुआ है, बल्कि 411 करोड़ रुपये की बचत हुई। इस परियोजना को पहले 85 करोड़ में बनाए जाने का अनुमान था। बाद में इस अनुमान को 742 करोड़ किया गया। निगम ने इसे 313 करोड़ में ही बना दिया। इससे निगम को 411 करोड़ रुपये की बचत हुई।
महापौर ने फ्लाईओवर के निर्माण में खर्च हुए धन का विस्तृत विवरण देते हुए कहा कि रानी झांसी फ्लाईओवर के निर्माण पर 124.72 करोड़ रुपये खर्च हुए। रेलवे ने एक पुल बनाया था, जिसके लिए रेलवे को 52.12 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ। इसके बाद दिल्ली जल बोर्ड, एनडीपीएल बीएसईएस को निगम ने 22.90 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। ऐसे ही भूमि अधिग्रहण के लिए दिल्ली सरकार के कलेक्टर को 79.84, उच्च अदालतों में 4.11 करोड़ रुपये जमा किए। रेलवे की संपत्ति के लिए 28.93, केंद्र के भूमि संपदा विभाग को 0.29 लाख सेंट स्टीफंस अस्पताल को एसटीपी के लिए 1.03 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
स्थायी समिति के अध्यक्ष छैल बिहारी गोस्वामी ने कहा कि आप नेता फ्लाईओवर में भूमि अधिग्रहण को घोटाला बता रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि भूमि अधिग्रहण का अधिकार निगम के पास नहीं है। दिल्ली सरकार के कलेक्टर के निर्देश पर भूमि अधिग्रहण की राशि जारी की गई। इसलिए आप नेताओं को चाहिए कि वह इस पर अपनी ही सरकार की जांच कराएं और रिपोर्ट को सार्वजनिक करें।