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NCERT: दिल्ली में नकली किताबें छापने का मास्टर माइंड गिरफ्तार, 35 लाख रुपये की नकली किताबें बरामद

NCERT दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने एनसीईआरटी की नकली किताबें छपवा कर बेचने वाले मास्टर माइंड अभिषेक सचदेवा को गिरफ्तार किया है। सचदेवा कॉमर्स ग्रेजुएट है। उसके पिता एनसीईआरटी की किताबें बेचने का कारोबार करते थे।शुरू में वह अपने पिता के व्यवसाय में हाथ बंटाता था।

By Pradeep ChauhanEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 06:47 PM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 06:47 PM (IST)
NCERT: दिल्ली में नकली किताबें छापने का मास्टर माइंड गिरफ्तार, 35 लाख रुपये की नकली किताबें बरामद
NCERT : पिता की कैंसर से मृत्यु हो जाने पर आर्थिक स्थिति खराब हो गई।

नई दिल्ली [ राकेश कुमार सिंह]। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने एनसीईआरटी की नकली किताबें छपवा कर बेचने वाले मास्टर माइंड अभिषेक सचदेवा को गिरफ्तार किया है। सचदेवा कॉमर्स ग्रेजुएट है। उसके पिता एनसीईआरटी की किताबें बेचने का कारोबार करते थे। शुरू में वह अपने पिता के व्यवसाय में हाथ बंटाता था। दिसंबर 2020 में पिता की कैंसर से मृत्यु हो जाने पर आर्थिक स्थिति खराब हो गई।

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परिवार के खर्चों को पूरा करने और जल्द पैसा कमाने के लिए उसने एनसीईआरटी की नकली किताबें छपवा उसे बेचना शुरू कर दिया था। डीसीपी अपराध शाखा राजेश देव के मुताबिक अभिषेक सचदेवा, पूर्वी राम नगर, शाहदरा का रहने वाला है। 18 सितंबर को पुलिस ने मंडोली स्थित एक प्रिंटिंग इकाई पर छापा मार वहां से भारी संख्या में एनसीईआरटी की तैयार और अर्धनिर्मित नकली किताबें बरामद की थी। 19 सितंबर को क्राइम ब्रांच ने कॉपीराइट अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया था। उसी के बाद से नकली किताबों की छपाई का आर्डर देने वाला आरोपित अभिषेक सचदेवा फरार हो गया था।

एनसीईआरटी की किताबों की हमेशा भारी मांग रहती है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबों को अनिवार्य कर दिया है फिर भी कई स्कूल छात्रों को निजी प्रकाशकों की महंगी किताबें खरीदने के लिए मजबूर करते हैं। क्योंकि स्कूलों के प्रबंधन को प्रकाशकों द्वारा उसकी किताबें चलाने के एवज में मोटा कमीशन मिलता है।

क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि यमुनापार में नकली एनसीईआरटी की किताबें छापी जा रही है। वहां से घटिया गुणवत्ता वाली नकली किताबों को बाजार में सस्ती दरों पर आपूर्ति की जा रही है जिससे एनसीईआरटी को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है। ऑफसेट इकाई में छठी से 12वीं तक की विभिन्न विषयों की एनसीईआरटी की नकली किताबों की छपाई हो रही है।

उक्त सूचना के बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने एनसीईआरटी से निदेशक से संपर्क कर सहायता मांगी और प्रकाशन इकाई पर एनसीईआरटी नई दिल्ली के सतर्कता अधिकारी और उत्पादन अधिकारी के साथ मिलकर छापेमारी की। वहां से पुलिस ने प्रिंटिंग प्रेस के मालिक मनोज जैन को गत दिनोें गिरफ्तार कर लिया था। वह शाहदरा कर रहने वाला है। पूछताछ में उसने बताया कि वह अभिषेक सचदेवा के लिए उक्त किताबों की छपाई कर रहा था। अभिषेक ने उसे किताबें छापने के लिए कागज और सामग्री की आपूर्ति की थी।

उसके बाद 4 दिसंबर को क्राइम ब्रांच ने अभिषेक सचदेवा को दबोच लिया। पूछताछ में उसने बताया कि उसके पिता एनसीईआरटी की किताबें बेचते थे। दिसंबर 2020 में कैंसर के कारण उनकी मृत्यु हो गई। उनकी मृत्यु के बाद आर्थिक तंगी के कारण उसने जल्द पैसा कमाने के लिए नकली किताबों की छपाई का आदेश दिया था। उसने यह भी बताया उक्त किताबों में छपाई के लिए इस्तेमाल होने वाली सामग्री उसके दिवंगत पिता ने खरीदी थी। उसने किताबों को ग्राहकों को ऑनलाइन बेचने की योजना बनाई और इसका इस्तेमाल किया।

अभिषेक की निशानदेही पर 80,000 (लगभग) कागज की मुद्रित शीट (जिससे 12,000 पायरेटेड पुस्तकें तैयार की जा सकती है) 166 धातु की प्लेटें (जिनका इस्तेमाल छपाई में किया जाता है), दो ऑफसेट प्रिंटिंग मशीनें, 5,000 नकली किताबें व एनसीईआरटी वॉटरमार्क वाला पेपर (जिसका इस्तेमाल नकली किताबों की छपाई के लिए किया जा रहा था), जब्त किए गए।


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